रांची। पूरी दुनिया इस रविवार को मदर्स डे मनाएगी। मांओं पर खुशियां न्योछावर की जाएंगी। माएं भी बच्चों के लिए हर उस जगह आंचल फैलाएंगी, जहां से सलामती की दुआ कबूल होगी। पर, मदर्स डे के 4 दिनों पहले एक मासूम बेटे की तड़प जिसने देखी-सुनी, वह उसकी मां के आंचल की छांव बनने को तड़प उठा। क्योंकि जब वह मां के इलाज को पैसे नहीं जुटा पाया तो अस्पताल-अस्पताल घूमकर अपनी किडनी बेचने के लिए ग्राहक ढूंढने लगा।
दीपांशु मूल रूप से बिहार के गया जिले का रहने वाला है। उसके पिता बचपन में ही गुजर गए। मां ने किसी तरह से मजदूरी कर पाला। लेकिन मां की परेशानी को दूर करने के दीपांशु रांची आ गया और एक होटल में काम करने लगा। इसी दौरान मां के पैर टूटने की सूचना मिली। लेकिन उसके पास इतने पैसे नहीं थे, कि वह अपनी मां का समुचित इलाज करा सके। पैसे के अभाव में जब उसकी मां का इलाज रुक गया, तब उसने किडनी बेचकर पैसे जुटाने की सोची।
किडनी बेचने के लिए ग्राहक ढूंढने अस्पताल पहुंचा
मां के आंचल की छांव को बनाए रखने की तड़प में दीपांशु अस्पताल-अस्पताल घूम कर अपनी किडनी बेचने के लिए ग्राहक ढूंढने लगा। इसी क्रम में दीपांशु शहर के एक प्रसिद्ध निजी अस्पताल में भी पहुंचा। दीपांशु अस्पताल और आसपास के लोगों से पता करता रहा कि किसे किडनी की जरूरत है। किडनी कितने में बिकेगी, उस पैसे से उसकी मां का इलाज संभव होगा या नहीं।
गरीबी और मजबूरी की चरम सीमा तो देखिए ,एक बच्चा आज
अपने मां के इलाज के लिए किडनी बेचने गया था,घर में मां और
बहन है,पिता की मृत्यु हो चुकी है,वह किसी होटल में काम करता है,एक सज्जन व्यक्ति ने उसे हमारे बारे में बताया तथा हमारी टीम ने
उसे समझाया की किडनी बेचना एक दंडनीय… pic.twitter.com/d2kUmbJjfl— Dr Vikas Kumar (@drvknarayan) May 10, 2023
किडनी बेचने की बात सुन अस्पताल के कर्मचारी सहम गए
किडनी बेचने की बात सुनते ही अस्पताल के कर्मचारी सहम गए। उन्होंने उसे समझाने की कोशिश की। लेकिन वह किडनी बेचने के फैसले पर अड़ा रहा। इसके बाद अस्पताल का कर्मचारी किशोर को लेकर एक ऐसे जगह पहुंचा, जहां उसकी मुलाकात धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों से हुई। डॉक्टर ने मां को स्वस्थ कर देने का भरोसा दिलाकर उसे रांची लाने की सलाह दी। साथ ही डॉक्टर की ओर से उसे यह भी जानकारी दी गई कि किडनी बेचना दंडनीय अपराध है।
रिम्स के डॉक्टरों ने इलाज में सारा खर्च उठाने का भरोसा दिलाया
किडनी बेचने वाले युवक की पेशकश सुनकर रिम्स के न्यूरो सर्जरी के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर विकास और उनके सहयोगी भी हैरान रह गए। उन सभी ने दीपांशु को मां का इलाज रिम्स में कराने और इसका सारा खर्च उठाने का आश्वासन दिया। जिसके बाद दीपांशु अब अपनी मां को गांव से रांची लाने की तैयारी में जुट गया है। फिलहाल दीपांशु अपनी मां से मिलने अपने गांव गया है।
दलाल के चक्कर में पड़ने की आशंका को लेकर ट्वीट
इस बीच दीपांशु की विवशता का कोई दलाल फायदा नहीं उठा ले और उसकी किडनी नहीं निकाल लें, इसके लिए डॉ. विकास ने ट्विटर पर ट्वीट किया है। उन्होंने बिहार के सीएम नीतीश कुमार और पुलिस-प्रशासन को टैग किया। वहीं बच्चे ने भी अपनी पीड़ा के बारे में वीडियो बनाकर लोगों को अवगत कराया है।
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