दिल्ली। आबकारी नीति घाटाले में जेल में बंद दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की को अभी जमानत नहीं मिलेगी, कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा है।हाईकोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन से कहा है कि एक दिन छोड़कर एक दिन शाम को तीन से चार बजे के बीच सिसोदिया की पत्नी से वीडियो कांफ्रेंसिंग पर बात कराओ।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता ने अपनी पत्नी की बीमारी के आधार पर जमानत के लिए 3 अप्रैल को हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने जेल अधीक्षक को निर्देश दिया कि सिसोदिया को वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा मुहैया करायी जाए ताकि वे हर दूसरे दिन जेल नियमों के अनुसार तीन से चार बजे के बीच अपनी पत्नी से बात कर सकें। सीबीआई ने बुधवार को यह तर्क देते हुए जमानत याचिका का विरोध किया था कि पूर्व उपमुख्यमंत्री सत्ता में हैं और उनका राजनीतिक रसूख है। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एस.वी. राजू जांच एजेंसी की ओर से पेश हुए थे। उन्होंने कहा कि सिसोदिया ने आबकारी सहित विभिन्न विभागों को नियंत्रित किया और जिस दिन मामला एलजी द्वारा सीबीआई को भेजा गया उस दिन जानबूझकर कुछ सबूत और एक मोबाइल फोन को नष्ट कर दिया।
स्पेशल जज ने सिसोदिया को माना था शराब घोटाले का मास्टरमाइंड
स्पेशल जज एमके नागपाल का कहना था कि शराब घोटाले के मास्टर माइंड सिसोदिया खुद हैं। 90 से 100 करोड़ रुपये की रिश्वत में उनका सक्रिय रोल था। उनको जमानत पर रिहा करने से साक्ष्यों से छेड़छाड़ के साथ गवाहों को भी दबाव में लेने की कोशिश हो सकती है। सिसोदिया को 8 घंटे की पूछताछ के बाद बीती 26 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई के बाद ईडी ने उन पर शिंकजा कस दिया था। दोनों एजेंसियों का कहना है कि सिसोदिया के दिल्ली के नौकरशाहों से बेहद घनिष्ठ संबंध हैं। वो एजेंसी को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं।
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