दिल्ली। दिल्ली मेट्रो के यात्री अब अपनी सभी लाइनों पर यात्रा के लिए क्यूआर कोड आधारित पेपर टिकट खरीद सकेंगे। अगले कुछ माह में मेट्रो में प्लास्टिक के टोकन का चलन बंद हो जाए। इसके अलावा इस माह के अंत तक क्यूआर कोड के माध्यम से मोबाइल से किराया भुगतान की सुविधा भी हो जाएगी।
DMRC की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि क्यूआर कोड आधारित पेपर टिकट की सुविधा 8 मई से यात्रियों के लिए उपलब्ध है। यह सभी लाइनों पर यात्रियों को उपलब्ध रहेगी। डीएमआरसी ने कहा- पारदर्शी और मानवीय हस्तक्षेप मुक्त, कैशलेस तंत्र की शुरुआत के साथ टोकन अवधारणा को धीरे-धीरे समाप्त किया जाएगा, जिससे यात्रियों को सफर के दौरान सहूलियत मिलेगी।
अधिकारियों ने कहा कि मई के अंत तक, डीएमआरसी दिल्ली मेट्रो में यात्रा को अधिक सहज, आसान और समय की बचत करने के लिए मोबाइल आधारित क्यूआर टिकट पेश करने का भी लक्ष्य बना रहा है। इससे स्टेशनों के काउंटरों पर टिकटों की कतार लगाने की जरूरत समाप्त हो जाएगी। डीएमआरसी ने क्यूआर-आधारित पेपर टिकटों के वितरण के लिए टिकट वेंडिंग मशीनों को अपग्रेड करने के साथ जून के अंत तक एएफसी गेट बनाने का भी लक्ष्य रखा है। मालूम हो कि दिसंबर 2002 में दिल्ली मेट्रो ने रेड लाइन पर छह स्टेशनों में फैले महज 8.2 किलोमीटर के कॉरिडोर के साथ परिचालन शुरू किया था जो अब 286 स्टेशनों के साथ 391 किमी के नेटवर्क में विकसित हो गया है।
फिलहाल, मोबाइल आधारित क्यूआर टिकट की सहूलियत केवल एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर उपलब्ध है। क्यूआर टिकट के साथ यात्री केवल उसी स्टेशन से प्रवेश कर सकेंगे जहां से यह जारी किया गया है। यात्रियों को टिकट जारी होने के 60 मिनट के भीतर मेट्रो सिस्टम में प्रवेश करने की अनुमति होगी।
DMRC का कहना है कि यदि कोई यात्री 60 मिनट के भीतर टिकट से सिस्टम में प्रवेश नहीं कर पाता है, तो यह टिकट अमान्य हो जाएगा। एक क्यूआर टिकट केवल एक यात्री को दो विशिष्ट स्टेशनों के बीच सफर करने की सहूलियत देगा। यदि यात्री गंतव्य स्टेशन से पहले बीच के किसी स्टेशन से बाहर निकलने की कोशिश करेंगे तब एएफसी गेट नहीं खुलेंगे। ऐसे मामले में यात्री को एक मुफ्त निकास टिकट जारी किया जाएगा।
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