पटना। बिहार के बाहुबली नेता आनंद मोहन की रिहाई का मामला फिलहाल थमता नहीं दिख रहा है। आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ IAS अधिकारी जी कृष्णैया की पत्नी की याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार और आनंद मोहन को नोटिस जारी किया है।
आनंद मोहन के खिलाफ कोर्ट में दिवंगत IAS अधिकारी जी कृष्णैय्या की पत्नी उमा देवी ने याचिका दायर की है। उमा देवी ने आनंद मोहन की रिहाई को लेकर बिहार सरकार द्वारा कानून में किए गए संशोधन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। 3 मई को उमा कृष्णैय्या ने कहा कि मुझे न्यायपालिका पर भरोसा है। वह जरूर इस केस में न्याय करेंगे। उनका कहना है कि जब आनंद मोहन को आजीवन कारावास की सजा हुई तो उनकी रिहाई 15 साल में कैसे हो गई। कोर्ट से अपील है कि वह मामले पर गंभीरता से विचार करे। दिवंगत IAS कृष्णैय्या की बेटी ने भी रिहाई पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी।
बिहार सरकार ने नियमों में बदलाव कर दी रिहाई
बिहार सरकार ने 10 अप्रैल को बिहार जेल मैनुअल 2012 में बदलाव किया था। इसके तहत सरकारी कर्मचारी की ड्यूटी के दौरान हत्या को भी सामान्य हत्याकांड की तरह कर दिया गया। पहले प्रावधान था कि सरकारी कर्मचारी की ड्यूटी के दौरान हत्या करने वालों को रिहाई में छूट नहीं मिलेगी। इस बदलाव के बाद आनंद मोहन की जेल से रिहाई का रास्ता साफ हो गया था। इसके बाद 27 अप्रैल को आनंद मोहन को सहरसा जेल से रिहा कर दिया गया। आनंद मोहन की रिहाई पर विपक्षी पार्टियां भी खुलकर सामने नहीं आईं। नियमों में बदलाव को लेकर पटना हाईकोर्ट में भी जनहित याचिका दायर हुई थी।
क्या है पूरा मामला?
आनंद मोहन पर 1994 में तत्कालीन गोपालगंज के डीएम जी कृष्णैया की हत्या का आरोप था। जिसमें वो दोषी करार दिए गए थे। उन पर कथित तौरसपर भीड़ को उकसाने का आरोप लगा। जिसके बाद उग्र भीड़ ने जी कृष्णैया की हत्या कर दी थी। जी कृष्णैया 1985 बैच के आईएएस अधिकारी थे। और तेलंगाना के महबूबनगर के रहने वाले थे। इस मामले में निचली अदालत ने आनंद मोहन को फांसी की सजा सुनाई थी। लेकिन फिर एक साल बाद 2008 में पटना हाईकोर्ट ने फांसी की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया था। जिसके बाद से वो सहरसा जेल में बंद थे। और बीच-बीच में पैरोल पर बाहर आते थे।
बेटे की सगाई में पैरोल पर आए थे
आनंद मोहन खुद पूर्व सांसद रह चुके हैं, वहीं उनकी पत्नी भी लोकसभा सांसद रह चुकी हैं। उनके बेटे चेतन आनंद शिवहर से आरजेडी विधायक हैं। हाल ही में चेतन आनंद की शादी आरुषि से हुई है। जो पेशे से डॉक्टर हैं। देहरादून में हुई इस हाईप्रोफाइल शादी में कई नामचीन हस्तियां शामिल हुई थीं। आनंद मोहन बेटे की सगाई समारोह में शामिल होने के लिए 15 दिन की पैरोल पर आए थे। और फिर 26 अप्रैल को पैरोल खत्म होने पर सहरसा जेल लौट गए थे। लेकिन फिर 27 अप्रैल को उनकी जेल से रिहाई हो गई थी।
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