तेहरान। ईरान ने ईशनिंदा के आरोप में दो लोगों को फांसी पर लटका दिया गया है। ईरान उन मुस्लिम देशों में शामिल है, जहां एक के बाद एक लोगों को फांसी की सजा दी जा रही है। ईरान में साल 2022 में कुल 582 लोगों को फांसी की सजा दी गई, जो साल 2021 में 333 के मुकाबले आंकड़े से काफी ऊपर है।
ईरान की अदालतों को कवर करने वाली न्यायपालिका की वेबसाइट मिजान ने दो लोगों को सोमवार को फांसी देने की पुष्टि की है। वेबसाइट मिजान ने बताया है कि दो आरोपी यूसेफ मेहरदाद और सद्रोला फ़ाज़ेली ज़ारे को ईशनिंदा, इस्लाम धर्म, पैगंबर और अन्य इस्लामिक पवित्रता का अपमान करने के अपराधों के लिए फांसी दे दी गई है।
ईरान ह्यूमन राइट्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, ईरानी अधिकारी 2023 में अब तक 194 लोगों को मौत के घाट उतार चुके हैं। पिछले दो हफ्तों में ईरान में मारे गए 42 लोगों में से आधे कथित तौर पर ईरान-पाकिस्तान सीमा पर बलूचिस्तान क्षेत्र से थे। उन 42 में से ज्यादातर को ड्रग्स के आरोपों में मार दिया गया। ईरानी शासन पर पहले भी मानवाधिकार उल्लंघन के गंभीर आरोप लगते रहे हैं।
IHR का कहना है कि ईरान ने 2022 में कम से कम 582 कैदियों को फांसी दे दी जो 2015 के बाद से सबसे अधिक संख्या है। 2021 में यही आंकड़ा काफी कम 333 था। देश में मृत्युदंड पर अपनी वार्षिक रिपोर्ट में संस्था ने कहा, ‘2022 में, ईरान के अधिकारियों ने दिखाया कि सत्ता पर पकड़ को मजबूत बनाए रखने के लिए सामाजिक भय पैदा करने की खातिर मौत की सजा कितनी महत्वपूर्ण है।’