तिरुवनंतपुरम। वंदे भारत एक्सप्रेस ने लोकप्रियता के मामले में सभी ट्रेनों को पीछे छोड़ दिया है। यात्री भी इन ट्रेनों को पसंद कर रहे हैं। केरल में भी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत की शुरुआत हुई है। वंदे भारत ट्रेन शुरू होने के बाद के सिर्फ छह दिनों में 2 करोड़ 70 लाख रुपये की कमाई कर ली है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिखाई गई हरी झंडी के बाद वंदे भारत एक्सप्रेस ने 28 अप्रैल को तिरुवनंतपुरम-कासरगोड सेवा के लिए 19.5 लाख बटोरे। वहीं 29 अप्रैल को 20.30 लाख, 30 अप्रैल को 20.50 लाख, 1 मई को 20.1 लाख, 2 मई को 18.2 लाख और 3 मई को 18 लाख रुपये रेलवे के खजाने में भर दिए। साउथ के राज्यों के चलने वाली वंदे भारत ट्रेनों की तुलना में केलर में चलने वाली हाई स्पीड ट्रेन ‘सोने’ के समान है। तिरुवनंतपुरम से कासरगोड तक की सेवा के लिए औसत टिकट कलेक्शन 18 लाख रुपये है। इस दौरान वंदे भारत एक्सप्रेस में 27,000 लोगों ने सफर किया और 31,412 बुकिंग की जा चुकी है।
लोग प्रेफर कर रहे एग्जीक्यूटिव क्लास
हालांकि किराया अधिक है फिर भी अधिक यात्रियों ने एग्जीक्यूटिव क्लास को प्रेफर किया। 14 मई तक के सभी टिकट पहले ही बिक चुके हैं। हालांकि, ऐसा भी बताया जा रहा है कि इस रूट पर वंदे भारत ट्रेन अपने अपेक्षित गति से नहीं चल रही है और अन्य ट्रेनों को क्रॉस कराने के लिए वंदे भारत रुकी हुई नजर आई। लेकिन रेलवे ने जवाब दिया कि वंदे भारत ट्रेन को लेकर शेड्यूल का पालन किया जा रहा है।
क्यों हुई इतनी कमाई?
वंदे भारत से हुए टिकट कलेक्शन इस बात की तरफ इशारा करता है कि यह ट्रेन केरल में पूरी तरह से ‘हिट’ है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि लोग पर्यटन के लिहाज से केरल आते हैं और अलग-अलग जगहों पर जाने के लिए इस ट्रेन को प्रेफर कर रहे हैं। वंदे भारत ट्रेन कम समय में गंतव्य तक पहुंचने के साथ एक आरामदायक यात्रा भी मुहैया कराती, जो हवाई यात्राओं में भी नसीब हो पाता है।
बता दें वंदे भारत ट्रेनों में पैसेंजर्स को कई सारी आधुनिक सुविधाएं मिलती हैं, जैसे ऑन बोर्ड वाई-फाई इंफोटेनमेंट, GPS बेस्ड पैसेंजर इंफॉर्मेशन सिस्टम, आलीशान इंटीरियर, टच फ्री बायो वैक्यूम टॉयलेट, एलईडी लाइटिंग, हर सीट के नीचे चार्जिंग प्वाइंट, पर्सनल टच बेस्ड रीडिंग लाइट्स आदि। इसके साथ ही ट्रेन में साफ हवा के लिए यूवी लैंप, बेहतर वेंटिलेशन और एयर कंडीशनर भी है।
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