लाहौर। आतंकी संगठन खालिस्तान कमांडो फोर्स (KCF) के चीफ परमजीत सिंह पंजवड़ की लाहौर में हत्या कर दी गई। शनिवार सुबह दो अज्ञात बंदूकधारियों ने आतंकी को गोली मार दी।
रिपोर्ट के मुताबिक, जौहर कस्बे में सनफ्लावर सोसाइटी में पंजवड़ के घर के पास सुबह करीब 6 बजे की यह घटना है। मोटरसाइकिल पर सवार दो अज्ञात लोगों उस दौरान पंजवड़ पर गोलियां बरसा दीं जब वह सुबह में टहल रहा था। केसीएफ चीफ के साथ घूम रहा शख्स फायरिंग के दौरान घायल हो गया, उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
केंद्र की आतंकियों की लिस्ट में पंजवड़ का नाम
परमजीत सिंह पंजवड़ पंजाब में तरनतारन जिले के झब्बाल थाने के तहत आने वाले पंजवड़ गांव का रहने वाला था। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने वर्ष 2020 में नौ आतंकियों की लिस्ट जारी की थी जिसमें परमजीत सिंह पंजवड़ का नाम आठवें नंबर पर था। परमजीत सिंह पंजवड़ भारत के पंजाब में ड्रोन के जरिए नशीली दवाओं और हथियारों की तस्करी में शामिल रहा है। परमजीत को कंट्टरपंथी बनाने में उसके चचेरे भाई लाभ सिंह का बड़ा हाथ बताया जाता है। भारतीय सुरक्षा बलों ने काफी पहले ही लाभ सिंह को मार गिराया था। इसके बाद, 1990 के दशक में पंजवड़ ने केसीएफ की कमान संभाली और पाकिस्तान भाग गया। पाकिस्तान ने उसे शरण भी दे दी। इस तरह, पड़ोसी देश से शरण पाने वाले मोस्ट वांटेड आतंकियों की लिस्ट में वह टॉप पर आ गया।
2020 में शौर्यचक्र विजेता बलविंदर सिंह संधू का कत्ल कराया
अक्टूबर 2020 में पंजाब के तरनतारन में शौर्यचक्र विजेता बलविंदर सिंह संधू का कत्ल कर दिया गया था। इसके पीछे परमजीत सिंह ही था। बलविंदर सिंह संधू ने पंजाब में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी जिसके लिए उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। पंजवड़ उसी समय से बलविंदर सिंह की हत्या की साजिश रच रहा था।
1999 में करवा चुका चंडीगढ़ में बम ब्लास्ट
खालिस्तान कमांडो फोर्स के चीफ परमजीत सिंह पंजवड़ ने 30 जून 1999 में चंडीगढ़ में पासपोर्ट कार्यालय के पास बम ब्लास्ट कराया था। इस धमाके में 4 लोग जख्मी हो गए थे, जबकि कई गाड़ियों को नुकसान पहुंचा था। धमाके के लिए स्कूटर की डिग्गी में बम रखा गया था। स्कूटर पर पानीपत (हरियाणा) का नंबर लगा हुआ था। पुलिस ने तब स्कूटर मालिक शेर सिंह को पानीपत से गिरफ्तार कर लिया था।
क्या है KCF का मकसद?
खालिस्तान कमांडो फोर्स (KCF) का मकसद सभी अलगाववादी खालिस्तानी उग्रवादी गुटों को एकसाथ लाना है। केसीएफ उन्हें एकजुट करके ‘सिख होमलैंड’ बनाना चाहता है। बताते हैं कि इसक संगठन में तीन लेवल का सिस्टम काम करता है। इसमें पंथिक समिति के सदस्य पहले और दूसरे लेवल का नेतृत्व करते हैं। तीसरे लेवल में मुख्य रूप से ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट्स फेडरेशन (AISSF) के कैडर शामिल हैं। मालूम हो कि KCF की मौजूदी कनाडा, ब्रिटेन और पाकिस्तान में हैं।
Discussion about this post