मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार ने दो दिन पहले पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। पार्टी कार्यकर्ताओं ने अपने नेता से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह कर रहे हैं। कार्यकर्ता खून से भी पत्र लिख रहे हैं हालांकि पवार अपने फैसले पर अडिग हैं।
एनसीपी के कार्यकर्ता संदीप काले ने शरद पवार को अपने खून से एक पत्र लिखा है। पत्र में, काले ने शरद पवार को “संरक्षक” के रूप में बताया है और कहा कि उनके इस्तीफे की घोषणा ने पार्टी कार्यकर्ताओं को “अनाथ” बना दिया है। उन्होंने लिखा, “आपकी इस चौंकाने वाली घोषणा से हम अनाथ हो गए हैं।” काले ने अपने खून का इस्तेमाल करते हुए पत्र में लिखा, “आपका फैसला किसी को स्वीकार्य नहीं है। पवार साहब, आप हमारे आदर्श और हमारे गुरु हैं।
राज्य एनसीपी अध्यक्ष जयंत पाटिल ने गुरुवार को कहा कि मैंने उनके साथ उन सभी की भावनाओं को शेयर किया जिनसे मैं पिछले दो दिनों में मिला था। महाराष्ट्र अध्यक्ष के तौर पर मैं अगले चुनाव को लेकर चिंतित हूं। मेरा यह भी मानना है कि अगर पवार साहब अपने पद पर बने रहते हैं, तो सभी के लिए न्याय होगा। कमिटी के बारे में उन्होंने कहा कि पवार साहब चाहते हैं कि उनके उत्तराधिकारी को लोकतांत्रिक तरीके चुना जाए। एनसीपी के सीनियर अधिकारी ने कहा कि कमिटी एक प्रस्ताव के साथ आ सकती है जिसमें पवार से राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहने और उनकी सहायता के लिए एक कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करने का आग्रह किया जा सकता है। यह सुप्रिया सुले या कोई अन्य सीनियर नेता हो सकता है।
वहीं इस्तीफे से पहले शरद पवार ने कहा था कि अब रोटी बदलने का समय आ चुका है। उनके इस बयान के बाद राजनीति की समझ रखने वालों ने माना कि वो कुछ बड़ा करने वाले हैं। लेकिन यह अंदाजा नहीं था कि वो पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे देंगे। भारतीय राजनीति में शरद पवार के बारे में कहा जाता है कि हालात को वो अच्छी तरह समझ कर फैसला लेते हैं।
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