इम्फाल। मणिपुर में हिसा को लेकर सरकार सख्त हो गई है। शुक्रवार को प्रशासन ने दंगाइयों पर नियंत्रण के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं। दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी कर दिए गए। जिसके प्रशासन ने दंगा प्रभावित इलाकों में निगरानी कड़ी कर दी है। इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस बल और आरएफ के जवानों की तैनाती की गई है। भारतीय रेलवे ने मणिपुर जाने वाली सभी ट्रेनों के संचालन को रोक दिया है।
मणिपुर में हिंसा पर काबू पाने के लिए सरकार ने अब राज्य में ‘शूट एट साइट’ यानी दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी किए हैं। लेकिन सरकार ने इसके लिए शर्ते लगाई हैं। ये आदेश तभी लागू होगा जहां दंगाइयों पर नियंत्रण के लिए चेतावनी, समझाइश के बाद बल प्रयोग से भी स्थिति नियंत्रण में ना आई हो। हिंसा के बाद राज्य सरकार ने सभी इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। ये रोक अगले पांच दिनों तक रहेगी। मणिपुर सरकार ने बढ़ती हिंसा को देख रिलांयस जियो फाइबर, एयरटेल एक्सट्रीम और बीएसएनएल समेत सभी ब्रॉडबैंड और डेटा प्रोवाइडर सेवाओं पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया है।
इसके साथ ही मणिपुर सरकार ने इलाके में धारा 144 लागू कर दी है। मणिपुर में असम राइफल्स की 34 और सेना की 9 कंपनियां तैनात है। हालांकि, अभी भी मणिपुर में बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं नॉर्थ फ्रंटियर रेलवे के सीपीआरओ सब्यसाची डे ने बताया कि जबतक हालात बेहतर नहीं हो जाते हैं मणिपुर में एक भी ट्रेन नहीं चलेगी। मणिपुर सरकार की ओर सलाह दिए जाने के बाद यह फैसला लिया गया है। भारतीय रेलवे की ओर से कहा गया है कि 4 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। शुरुआत में यह फैसला सिर्फ 5-6 मई के लिए लिया गया है।
असम CM देंगे मणिपुर CM को समर्थन
असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने ट्वीट कर कहा कि मणिपुर में हाल की घटनाओं से प्रभावित कई परिवारों ने असम में शरण ली है। मैंने कछार के जिला प्रशासन से इन परिवारों की देखभाल करने का अनुरोध किया है। मैं सीएम एन बीरेन सिंह के साथ भी लगातार संपर्क में हूं और इस संकट की घड़ी में असम सरकार को पूरा समर्थन देने का वादा किया है।
मणिपुर हिंसा: जानिए पूरा मामला
राज्य की आबादी में 53 प्रतिशत हिस्सा रखने वाले गैर-आदिवासी मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग के खिलाफ चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ (एटीएसयूएम) द्वारा बुलाए गए ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान बुधवार को हिंसा भड़क गई। मार्च का आयोजन मणिपुर उच्च न्यायालय द्वारा पिछले महीने राज्य सरकार को मेइती समुदाय द्वारा एसटी दर्जे की मांग पर चार सप्ताह के भीतर केंद्र को एक सिफारिश भेजने के लिए कहने के बाद किया गया।
पुलिस के अनुसार, चुराचांदपुर जिले के तोरबंग क्षेत्र में मार्च के दौरान हथियार लिए हुए लोगों की एक भीड़ ने कथित तौर पर मेइती समुदाय के लोगों पर हमला किया, जिसकी जवाबी कार्रवाई में भी हमले हुए, जिसके कारण पूरे राज्य में हिंसा भड़क गई।
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