नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने वाप्कोस के पूर्व अध्यक्ष और मैंनेजिंग डॉयरेक्टर (CMD) राजिंदर कुमार गुप्ता और उनके बेटे गौरव को आय से ज्यादा संपत्ति मामले में गिरफ्तार किया गया है। साथ ही उनके परिसरों से 38 करोड़ से ज्यादा का कैश जब्त किया गया है।
वाप्कोस को वाप्कोस को पहले ‘वॉटर एंड पावर कंसल्टेंसी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड’ के नाम से जाना जाता था। यह एक सरकार के स्वामित्व वाला केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का व्यवसाय है। इसका प्रशासनिक नियंत्रण जल शक्ति मंत्रालय के पास है। CBI ने गुप्ता, उनकी पत्नी रीमा सिंघल, बेटे गौरव सिंघल और बहू कोमल सिंघल के खिलाफ गुप्ता के 1 अप्रैल 2011 से 31 मार्च 2019 के बीच पद पर रहते हुए अवैध रुपये बनाने के आरोप में मामला दर्ज किया था। इसके बाद मंगलवार को छापे मारे।
एफआईआर दर्ज करने के बाद CBI की टीमें दिल्ली, गुरुग्राम, चंडीगढ़, सोनीपत और गाजियाबाद में 19 स्थानों पर गईं। इन्हीं छापे के दौरान अधिकारियों को भारी मात्रा में कैश बरामद किया।’वाटर एंड पावर कंसल्टेंसी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड’ के नाम से जाना जाता था। यह एक सरकार के स्वामित्व वाला केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है। इसका प्रशासनिक नियंत्रण जल शक्ति मंत्रालय के पास है।
सीबीआई को 20 करोड़ रुपये की मिली नकदी
सीबीआई का आरोप है कि आरके गुप्ता ने अपने कार्यकाल के दौरान अपने आय के स्त्रोतों से अधिक संपत्ति बनाई। जांच एजेंसी के अधिकारी ने बताया कि राजेंद्र गुप्ता अपनी नौकरी से रिटायर होने के बाद दिल्ली की एक प्राइवेट कंपनी को ज्वा कर कंस्लटेंट का काम कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने संपत्तियां अर्जित कीं।
जांच एजेंसी के एक प्रवक्ता ने कहा कि मंगलवार को छापों के दौरान सीबीआई को 20 करोड़ रुपये की नकदी मिली, जो बुधवार को बढ़कर 38 करोड़ रुपये से अधिक हो गई। प्रवक्ता ने बताया कि नकदी के अलावा, आभूषण, बहुमूल्य सामान और संपत्ति के कागजात भी मिले हैं।
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