मुंबई। एनसीपी मुखिया शरद पवार के पार्टी अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने के बाद अब पार्टी में कई नेताओं के इस्तीफा देने का दौर शुरू हो गया है। एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने राष्ट्रीय महासचिव के अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इतना ही नहीं ठाणे एनसीपी के सभी पदाधिकारियों ने भी इस्तीफा दे दिया है।
जितेंद्र आव्हाड ने शरद पवार से लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर इस्तीफा वापस लेने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि कल दोपहर से मेरी स्थिति स्पष्ट है, उन्हें अपना इस्तीफा वापस ले लेना चाहिए। मैं शरद पवार को पिछले 40 साल से जानता हूं। वे हमेशा कहते हैं कि जहां भी लोगों का झुकाव है, यह उनके दिमाग के खिलाफ हो सकता है, लेकिन लोकतंत्र में एक नेता को हमेशा लोगों की मांग के साथ चलना चाहिए।
शरद पवार ने दिया था इस्तीफा
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार ने मंगलवार को पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर पूरे सियासी जगत को हैरान करके रख दिया था। शरद पवार ने इस इस्तीफे का ऐलान अपनी आत्मकथा के विमोचन कार्यक्रम में किया जिसके बाद कार्यकर्ताओं में हड़कंप मच गया। कई कार्यकर्ता इस ऐलान के बाद भावुक हो गए जबकि कई समर्थक तो रोने लगे। कई समर्थक हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाने लगे और इस्तीफे को वापस लेने की गुहार लगाने लगे।
शरद पवार ने इस्तीफे के दौरान क्या कहा था?
अपनी आत्मकथा के एक पुस्तक विमोचन के मौके पर मंगलवार को शरद पवार ने अचानक ऐलान करते हुए कहा कि मैंने राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटने का फैसला किया है। मैं एक समिति बनाउंगा कि संगठन के संबंध में आगे क्या करना है और सदस्य निर्णय लेंगे। यह समिति एक नए नेता का चयन करेगी। प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे, दिलीप वलसे पाटिल साथ में नरहरि जिरवाल के साथ निर्णय लेना चाहिए। मैं जहां भी हूं लेकिन मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि मैं सुबह से शाम तक उपलब्ध रहूंगा। उनके इस ऐलान के बाद सभी कार्यकर्ता हाथ जोड़ गिड़गिड़ाने लगे और रोने लगे। सभी ने इस्तीफे का विरोध किया। कई कार्यकर्ताओं ने तो नारेबाजी भी की।
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