होसपेट। कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा और कांग्रेस समेत तमाम राजनीतिक दल मतदाताओं को लुभाने में जुट गए हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (2 मई) को एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर जोरदार बोला हमला। उन्होंने कांग्रेस के घोषणापत्र का जिक्र करते हुए कहा कि पहले प्रभु श्रीराम से तकलीफ थी और अब जय बजरंगबली बोलने वालों से नफरत है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘आज हनुमान जी की इस पवित्र भूमि को नमन करना मेरा बहुत बड़ा सौभाग्य है। दुर्भाग्य देखिए, मैं आज जब यहां हनुमान जी को नमन करने आया हूं उसी समय कांग्रेस पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में बजरंगबली को ताले में बंद करने का निर्णय लिया है। पहले श्री राम को ताले में बंद किया और अब जय बजरंगबली बोलने वालों को ताले में बंद करने का संकल्प लिया है।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस के दशकों के शासन ने शहरों और गांवों के बीच खाई को बहुत ज्यादा बढ़ा दिया था, भाजपा सरकार गांव और शहर के बीच खाई को लगातार कम करने में जुटी हुई है। उन्होंने कहा, ‘आज हमारे गांवों के बीच शहरों जैसी सुविधा पहुंच रही है। गांव से जुड़ी दूसरी चुनौतियों का भी भाजपा सरकार समाधान कर रही है।’
कर्नाटक की मान-मर्यादा पर नहीं आने देंगे कोई आंच
पीएम मोदी ने कांग्रेस पर हमला करते हुए आगे कहा कि भारतीय जनता पार्टी कर्नाटक की मान-मर्यादा और संस्कृति पर कोई आंच नहीं आने देगी। साथ ही बीजेपी कर्नाटक के विकास के लिए, यहां के लोगों को आधुनिक सुविधा और नए अवसर देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस ने दशकों के अपने शासन के दौरान गांवों और शहरों के बीच खाई को बहुत ज्यादा बढ़ा दिया था लेकिन बीजेपी सरकार इस खाई को कम करने में लगातार जुटी हुई है। उन्होंने कहा कि आज हमारे गांवों में भी शहरों जैसी सुविधाएं पहले से ज्यादा गति से पहुंच रही हैं।
कांग्रेस ने घोषणा पत्र में बजरंग दल को लेकर क्या कहा
दरअसल, कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार को घोषणापत्र जारी किया। इसमें वादा किया गया कि प्रदेश में जाति व धर्म के आधार पर ‘नफरत फैलाने’ के लिए बजरंग दल और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) जैसे संगठनों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की जाएगी।
उसका कहना है कि ऐसे संगठनों को प्रतिबंधित करने की कार्रवाई भी हो सकती है। मुख्य विपक्षी दल ने कहा, ‘कांग्रेस जाति और धर्म के आधार पर समुदायों के बीच नफरत फैलाने वाले संगठनों के खिलाफ ठोस और निर्णायक कार्रवाई करने को प्रतिबद्ध है। हमारा मानना है कि कानून और संविधान पवित्र है। कोई व्यक्ति या बजरंग दल, पीएफआई और नफरत व शत्रुता फैलाने वाले दूसरे संगठन, चाहे वह बहुसंख्यकों के बीच के हों या अल्पसंख्यकों के बीच के हों, वे कानून और संविधान का उल्लंघन नहीं कर सकते।’
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