नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों के बीच अब पूर्व पहलवान योगेश्वर दत्त भी सामने आए हैं। वह जांच करने वाली भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की सात सदस्यीय समिति के सदस्य भी हैं। पूर्व भारतीय पहलवान योगेश्वर दत्त ने कहा है कि यह कदम तीन महीने पहले उठाना चाहिए था। उन्होंने पहलवानों के प्रदर्शन पर कहा कि पुलिस तभी कार्रवाई करेगी जब आप इसकी शिकायत करेंगे।
जंतर मंतर पर विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक समेत अन्य पहलवान पिछले 8 दिन से धरना देकर बैठे हैं। वह वहीं पर अपना खाना-पीना कर रहे हैं। वहीं अब इन पहलवानों के धरने पर योगेश्वर दत्त ने एएनआई से बातचीत करते हुए कहा, ‘पुलिस तभी कार्रवाई करेगी जब आप उन्हें इसकी सूचना देंगे। अगर कोई घर पर बैठता है तो वह ऐसा नहीं करेगी। पहलवानों को तीन महीने पहले ऐसा करना चाहिए था। मैंने पहले भी कहा था कि अगर वे कार्रवाई चाहते हैं, तो उन्हें इसकी सूचना पुलिस को देनी चाहिए।’
उन्होंने कहा कि हमे जांच कमेटी की रिपोर्ट देनी होती है। किसी भी कमेटी के पास यह अधिकार नहीं होता है कि वह किसी को दोषी बता सके या किसी को सजा दे सके। सजा देने का अधिकार कोर्ट के पास होता है, देश का प्रधानमंत्री भी किसी को सजा नहीं दे सकता है। पीटी ऊषा का मतलब यह था कि अभी मामले की जांच चल रही थी। पहलवानों को दिक्कत थी, इसलिए वह जंतर-मंतर पर बैठे हैं, दोनों अपनी जगह ठीक हैं। खेल मंत्री से खिलाड़ियों की बातचीत पर योगेश्वर दत्त ने कहा कि घर के अंदर क्या हुआ है, यह हमे नहीं पता, खेल मंत्री के घर के अंदर 2-3 दिन रहे हैं। अंदर किसकी क्या बात हुई है, वह किसी को नहीं पता है।
सड़क पर क्यों गए, जब पीटी ऊषा ने उठाए सवाल
इससे पहले पीटी उषा ने कहा कि पहलवानों को डब्ल्यूएफआई और उसके अध्यक्ष के खिलाफ सड़कों पर उतरने के बजाय पहले आईओए से संपर्क करना चाहिए था। पीटी ऊषा ने मीडिया से कहा था, “भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) में यौन उत्पीड़न के लिए एक समिति है, सड़कों पर जाने के बजाय वे (विरोध करने वाले पहलवान) पहले हमारे पास आ सकते थे लेकिन वे IOA में नहीं आए। यह न तो खेलों के लिए अच्छा है और न ही पहलवानों के लिए। उन्हें भी कुछ अनुशासन रखना चाहिए।”
पीटी ऊषा से नाराज प्रदर्शनकारी पहलवान
हालांकि, प्रदर्शनकारी पहलवानों ने गुरुवार को भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की अध्यक्ष पीटी उषा की टिप्पणियों से अपनी निराशा व्यक्त की। साक्षी मलिक ने मीडियाकर्मियों से कहा, “एक महिला एथलीट होने के नाते, वह (पीटी उषा) अन्य महिला एथलीटों की बात नहीं सुन रही हैं। हमने बचपन से उनका अनुसरण किया है और उनसे प्रेरित हुए हैं। यहां अनुशासनहीनता कहां है, हम यहां शांति से बैठे हैं।”
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