लंदन। बीबीसी के अध्यक्ष रिचर्ड शार्प ने सरकारी नियुक्तियों से संबंधित सरकारी नियमों का उल्लंघन करने को लेकर एक रिपोर्ट के सामने आने के बाद इस्तीफा दे दिया है। शार्प ने कहा कि उन्हें लगता है कि अगर वह अपने कार्यकाल के अंत तक इस पद पर बने रहते तो यह मामला उनकी संस्था के अच्छे कामों से ध्यान भटकाने वाला हो सकता है।
एक रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि कंजर्वेटिव पार्टी के दानदाता शार्प ने सरकार की सिफारिश पर BBC चेयरमैन पद पर नियुक्त होने से कुछ हफ्ते पहले, 2021 में तत्कालीन प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के लिए लोन की व्यवस्था करने में मदद की थी। इस खुलासे के बाद से सरकार द्वारा बीबीसी दबाव में है। शार्प ने कहा कि वह अनजाने में नियमों का उल्लंघन होने के बाद बीबीसी के हितों को प्राथमिकता देते हुए पद छोड़ रहे हैं। इस घटनाक्रम पर वरिष्ठ वकील एडम हेप्पिन्स्टॉल की रिपोर्ट शुक्रवार को प्रकाशित हुई। BBC के मुताबिक, वह जून तक पद पर बने रहेंगे जब तक कि उत्तराधिकारी की नियुक्ति नहीं हो जाती।
BBC ने कहा कि बैरिस्टर एडम हेप्प इंस्टाल को सार्वजनिक नियुक्ति आयुक्त द्वारा उन दावों की जांच के लिए नियुक्त किया गया था जो पहली बार संडे टाइम्स में सामने आए थे। अपने इस्तीफे की पुष्टि करते हुए शार्प ने कहा कि रिपोर्ट (जो शुक्रवार को प्रकाशित हुई थी) ने पाया कि जब मैंने सार्वजनिक नियुक्तियों के लिए शासन कोड का उल्लंघन किया, तो उन्होंने कहा कि एक उल्लंघन अनिवार्य रूप से नियुक्ति को अमान्य नहीं करता है।
उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में पाया गया है कि उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री के लिए लोन की सुविधा, व्यवस्था या वित्तपोषण में कोई भूमिका नहीं निभाई। शार्प ने कहा कि ऐसा नहीं करना एक अनावश्यक था और इसके लिए माफी मांगी। एक बयान में उन्होंने कहा कि वह विचलित नहीं होना चाहते थे, यह कहते हुए कि बीबीसी की अध्यक्षता करना एक सम्मान की बात थी।
वह जून तक पद पर बने रहेंगे जब तक कि उत्तराधिकारी की नियुक्ति नहीं हो जाती। उनके इस्तीफे के जवाब में बीबीसी बोर्ड ने कहा कि हम रिचर्ड के फैसले को स्वीकार करते हैं और समझते हैं। हम रिचर्ड को अपना धन्यवाद देना चाहते हैं, जो एक मूल्यवान और सम्मानित सहयोगी रहे हैं और बीबीसी के एक बहुत प्रभावी चेयरमैन रहे हैं। BBC बोर्ड का मानना है कि रिचर्ड ईमानदार व्यक्ति हैं।
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