दिल्ली। दिल्ली में नौकरी से निकाले गए हिंदू कॉलेज के एक शिक्षक की घर में संदिग्ध परिस्थितियों में लाश मिली है। दिल्ली यूनिवर्सिटी से संबंध रखने वाले हिंदू कॉलेज में समरवीर Ad-Hoc टीचर थे। उनके दोस्तों का कहना है कि इससे वे काफी तनाव में थे। गुरुवार को स्टूडेंट्स और टीचर्स ने डीयू के नॉर्थ कैंपस में प्रदर्शन किया। विवेकानंद मूर्ति के पास टीचर्स ने शोक सभा रखी।
समरवीर मूल रूप से राजस्थान से बारन जिले के मोल्की गांव के रहने वाले थे। समरवीर अपने दो चचेरे भाइयों के साथ एक कमरे में रहते थे। दोनों युवक घटना के वक्त घर से बाहर गए थे। पुलिस का कहना है कि कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है लेकिन समरवीर के भाइयों के मुताबिक वो डिप्रेशन में थे। समरवीर के भाइयों ने पुलिस को बताया कि वो शादीशुदा नहीं थे। समरवीर हिंदू कॉलेज में एड-हॉक शिक्षक थे लेकिन उनकी जगह पर किसी अन्य लेक्चरर को नियुक्त कर लिया गया था।
डीयू फैकल्टी डॉ. राजेश कुमार झा कहते हैं, समरवीर हिंदू कॉलेज में 2017 से पढ़ा रहे थे, जब उनकी जगह परमानेंट नियुक्ति हुई तो गार्गी कॉलेज में एडहॉक टीचर की पोस्ट उन्होंने इसलिए छोड़ी क्योंकि हिंदू कॉलेज में उन्हें बतौर एडहॉक टीचर रखने का भरोसा दिया गया। मगर 20 दिन बाद उन्हें बतौर गेस्ट टीचर जॉइन करने को कहा गया, जिससे वो हताश हो गए।
डीयू में अकैडमिक काउंसिल की मेंबर डॉ. माया जॉन्स कहती हैं, डीयू कॉलेज में जिन पोस्ट का विज्ञापन आ रहा है, एडहॉक टीचर्स उसके एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया को पूरा करते हैं। इसके बावजूद पांच मिनट के इंटरव्यू से कैंडिडेट तय किया जा रहा है। एएडीटीए के राष्ट्रीय प्रभारी डॉ. आदित्य नारायण मिश्रा ने कहा, एडहॉक टीचर्स के समायोजन के लिए हम आंदोलन और तेज करेंगे।
आम आदमी पार्टी के शिक्षक संगठन एएडीटीए के अध्यक्ष आदित्य नारायण मिश्रा का कहना है कि यह घटना बताती है कि किस तरह से एक तदर्थ शिक्षक विस्थापन का दर्द झेल रहे हैं और बड़ी संख्या में मानसिक पीड़ा से गुजर रहे हैं। हमारी मांग है कि जो शिक्षक जहां तदर्थ के रूप में पढ़ा रहा है उसे वहीं पर स्थायी किया जाए।
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