‘असम में अब कोई आदिवासी उग्रवादी समूह नहीं’, DNLA समझौते पर बोले अमित शाह

नई दिल्‍ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में गुरुवार को भारत सरकार, असम सरकार और दिमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी/दिमासा पीपल्स सुप्रीम काउंसिल (डीएनएलए/डीपीएससी) के प्रतिनिधियों के बीच नई दिल्ली में एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। दिमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी (डीएनएलए) एक विद्रोही समूह है जो ज्यादातर असम के दीमा हसाओ जिले में सक्रिय है। इसके साथ ही असम के हिंसा में लिप्त सभी संगठनों का अंत हो गया है। सभी जनजातीय समूह मुख्यधारा में शामिल होकर भारत के विकास की प्रक्रिया में भागीदार बन रहे हैं।

केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा, आज असम के सारे विवाद और हिंसा में लिप्त संगठन इस समझौते के साथ ही समाप्त होने जा रहे हैं। असम में अब एक भी आदिवासी समूह ऐसा नहीं है जो हथियार लेकर, कैंप लगाकर जंगलों में रहेगा। आज दिमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी (डीएनएलए) और दिमासा पीपुल्स सुप्रीम काउंसिल (डीपीएससी) के साथ असम सरकार के समझौते के साथ ही सारे के सारे आदिवासी समूह आज मुख्यधारा में आ गए हैं। अपने क्षेत्र असम और भारत के विकास की प्रक्रिया में जुड़े हैं।

गृह मंत्री शाह ने कहा, यह समझौता 2024 तक शांतिपूर्ण और समृद्ध पूर्वोत्तर के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समने को पूरा करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है। आज हुए समझौते के साथ ही असम के हिंसा में लिप्त सभी संगठनों का अंत हो गया है। अब असम में एक भी उग्रवादी समूह नहीं बचा है। उन्होंने कहा, अब सारे जनजातीय समूह मुख्यधारा में आ गए हैं और भारत के विकास की प्रक्रिया में शामिल हो गए हैं।

शाह ने कहा कि समझौते के तहत डीएनएलए प्रतिनिधियों ने हिंसा छोड़ने, हथियार और गोला-बारूद समेत आत्मसमर्पण करने, अपने सशस्त्र संगठन को भंग करने, डीएनएलए कैडरों के कब्जे वाले सभी शिविरों को खाली करने और मुख्यधारा में शामिल होने पर सहमति जताई है। इस समझौते के परिणामस्वरूप डीएनएलए के 168 से अधिक सशस्त्र कैडर अपने हथियारों के साथ आत्मसमर्पण करके मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं।

दीमा हसाओ जिले से उग्रवाद पूरी तरह खत्म
शाह ने कहा, इस समझौते से असम के दीमा हसाओ जिले से उग्रवाद और हिंसा पूर्ण रूप से समाप्त हो गए हैं। आज के समझौते के तहत असम सरकार दिमासा कल्याण परिषद की स्थापना करेगी। यह राजनीतिक, आर्थिक और शैक्षिक आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सामाजिक, सांस्कृतिक, भाषाई पहचान आदि की रक्षा, संरक्षण और प्रचार करते हुए स्वायत्त परिषद के अधिकार क्षेत्र के बाहर रहने वाले दिमासा लोगों का त्वरित और केंद्रित विकास सुनिश्चित करेगी।

पुनर्वास के लिए 500-500 करोड़ का विशेष पैकेज
इसके अलावा समझौते में मुख्य रूप से संविधान की छठी अनुसूची के अनुच्छेद 14 के तहत उत्तरी कछार हिल्स स्वायत्त परिषद (एनसीएचएसी) से सटे अतिरिक्त गांवों को परिषद में शामिल करने की मांग की जांच करने के लिए एक आयोग की नियुक्ति का प्रावधान है। केंद्र और असम सरकार डीएनएलए के आत्मसमर्पण करने वाले कैडरों का पुनर्वास सुनिश्चित करेंगे। इसके लिए एनसीएचएसी के साथ-साथ अन्य भागों में रहने वाले दिमासा लोगों के सर्वांगीण विकास के लिए केंद्र व राज्य पांच साल की अवधि में 500-500 करोड़ रुपये का विशेष विकास पैकेज भी प्रदान करेंगे।

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