गाजियाबाद। निकाय चुनाव के लिए गुरुवार को नामांकन पत्रों की वापसी की प्रक्रिया पूरी हो गई। भाजपा से 27 बागी प्रत्याशियों ने अपने नामांकन पत्र वापस ले लिए। हालांकि कई वार्ड में भाजपा से बगावत कर निर्दलीय उम्मीदवारी कर रहे कई कार्यकर्ता अभी भी चुनाव मैदान में हैं।
बीजेपी ने एक तरीके से मिशन बागी मनाओ चलाया था। पार्टी को यह साफ तौर पर पता है कि कई जगहों पर इन बागी उम्मीदवारों के चलते पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों को मुश्किल आ सकती है इसीलिए प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने सभी मंत्रियों, विधायकों, सांसदों, पार्टी के पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी थी कि वह ऐसे सभी बागी प्रत्याशियों को मनाया और उनका नामांकन वापस कराया। मेयर प्रत्याशी सुनीता दयाल ने भी रूठे कार्यकर्ताओं को मनाने का जिम्मा उठाया और बुधवार को वह कई कार्यकर्ताओं के घर गईं थीं। लोहिया नगर और शास्त्री नगर से निर्दलीय नामांकन दाखिल करने वाले भाजपा के कार्यकर्ताओं ने उनकी बात मानकर नामांकन पत्र वापस ले लिया।
शहर विधायक अतुल गर्ग ने पूर्व पार्षद शेखर त्यागी को समझाकर नाम वापस लेने पर सहमत कर लिया। विधायक के कहने पर न केवल उन्होंने नाम वापस ले लिया, बल्कि भाजपा प्रत्याशी उदित मोहन के पक्ष में प्रचार करने का भी वादा किया। पूर्व मेयर अशु वर्मा ने वार्ड-14 से भाजपा की निवर्तमान पार्षद रहीं चंपा माहौर से वार्ता की। उन्होंने नामांकन पत्र वापस लेकर पार्टी के पक्ष में प्रचार करने की बात कही। पूर्व मेयर से वार्ता के बाद चंपा माहौर ने नामांकन पत्र वापस ले लिया है। इनके अलावा वार्ड-55 से तेजपाल नेगी, वार्ड-50 से नीरज चौधरी और वार्ड-81 से सतीश शर्मा ने भी पर्चा वापस ले लिया है।
मैदान में डटे हैं कई उम्मीदवार
अभी भी कई ऐसे उम्मीदवार चुनाव मैदान में डटे हैं जिन्होंने भाजपा से टिकट कटने पर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन पत्र दाखिल किया था। वार्ड-15 के निवर्तमान पार्षद कृपाल सिंह ने अपनी मां वीरमति का नामांकन पत्र दाखिल कराया था। उनका कहना है कि न तो उनके पास भाजपा की कोई टीम आई और न ही उन्होंने नामांकन पत्र वापस लिया है।
वह मजबूती से चुनाव लड़ेंगे। वार्ड-84 में भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष विनीत शर्मा ने भी नामांकन पत्र वापस नहीं लिया है। भाजपा ने इस अनारक्षित वार्ड में ओबीसी वर्ग के प्रवीन चौधरी को टिकट दिया है। प्रवीन चौधरी पहले भी पार्षद रह चुके हैं। इनके अलावा भाजपा के पूर्व पार्षद अरुण जैन, कुसुम सिंह समेत कई अन्य ने भी नामांकन पत्र वापस नहीं लिया है।
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