दिल्ली। दिल्ली परिवहन विभाग ने 27 मार्च तक ऑटोरिक्शा, कैब और दोपहिया वाहनों सहित 54 लाख से अधिक पुराने वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, राजधानी में पेट्रोल और डीजल के 10 और 15 साल पुराने वाहनों के चलाने पर प्रतिबंध है।
परिवहन विभाग के अनुसार साउथ दिल्ली पार्ट वन में सबसे अधिक वाहनों का पंजीकरण रद्द किया गया है। वहां 27 मार्च तक 9,285 तिपहिया वाहनों तथा 25,167 कैब का पंजीकरण रद्द किया गया। माल रोड जोन में 2,90,127 वाहनों, आइपी डिपो में 3,27,034 वाहनों, दक्षिण दिल्ली पार्ट वन में 9,99,999 वाहनों, साउथ दिल्ली पार्ट 2 में 1,1,69,784 वाहनों, जनकपुरी में 2, 7,06,921 वाहनों, लोनी में 4,35,408 वाहनों, सराय काले खां में 4,96,086 वाहनों, मयूर विहार में 2,99,788 वाहनों, वजीरपुर में 1,65,048 वाहनों, द्वारका में 3,04,677 , बुराड़ी में 25,167, राजा गार्डन में 1,95,626 वाहनों तथा रोहिणी जोन में 6,56,201 वाहनों का पंजीकरण रद्द किया गया।
परिवहन विभाग ने परिचालन अवधि पूरा कर चुके वाहनों को कबाड़ में भेजने के लिए 29 मार्च को अभियान शुरू किया था। परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा ने कहा कि परिचालन अवधि पार चुके वाहनों के लिए एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) प्राप्त करने और उस राज्य में बेचने का अनुरोध है जहां वे चलने (परिचालन) के लायक हैं। यदि ये वाहन यहां सड़कों पर खड़े मिलेंगे तो उन्हें कबाड़ में दिए जाने का खतरा है।
दिल्ली की सड़कों पर 2021-22 में कुल 79.18 लाख वाहन पंजीकृत थे। ज्ञात हो कि वर्ष 2018 में उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली में क्रमश: 10 वर्ष और 15 वर्ष पुराने डीजल एवं पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया था। न्यायालय ने कहा था कि आदेश का उल्लंघन करने वाले वाहनों को जब्त कर लिया जाए।राष्ट्रीय हरित अधिकरण के 2014 के आदेश में 15 वर्ष पुराने वाहनों को सार्वजनिक स्थानों पर खड़ा करने की मनाही की गई है।
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