मोगा। खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह 35 दिनों तक पुलिस से आंख-मिचौली खेलने के बाद आखिरकार गिरफ्तार हो गया। रविवार को पंजाब की मोगा पुलिस ने उसे रोडेगांव में गुरुद्वारे से गिरफ्तार किया। यह गांव आतंकवादी जरनैल भिंडरावाले का पैतृक गांव है। अमृतपाल ने गुरुद्वारे के लाउडस्पीकर से संगत को संबोधित किया और कहा कि वह गिरफ्तारी दे रहा है लेकिन यह गिरफ्तारी नहीं है बल्कि शुरुआत है।
अमृतपाल ने कहा, “संगत साथियों की वजह ही इतना महफूस रहना संभव था। मेरी गिरफ्तारी अंत नहीं शुरुआत है। जिस वाहेगुरू ने ये क्रांति करने की सोच दी है, वो ही हमे इसे आगे बढ़ाने की हिम्मत भी देगा।” अमृतपाल सिंह ने कहा, “मैं सनगत (लोगों) से एक अपील करना चाहता हूं। आज 23 अप्रैल 2023 है और ठीक एक महीने पहले भारत सरकार ने पंजाब सरकार की मदद से सिख समुदाय पर हमला किया। जिस तरह से उन्होंने हमें गिरफ्तार करने के लिए ऑपरेशन चलाया, ऐसा नहीं लगा कि हमें गिरफ्तार करने की कोशिश की गई है। अगर वे हमें गिरफ्तार करना चाहते थे तो उन्हें हमें हमारे घरों से गिरफ्तार करना चाहिए था। हम खुशी-खुशी गिरफ्तारी दे देते। बीते एक महीने में सरकार का असली चेहरा दुनिया के सामने आया है। दुनिया भर के सिख समुदाय ने सिखों पर हमले का दर्द महसूस किया है। राज्य की कार्रवाई के खिलाफ दुनिया भर में विरोध प्रदर्शन हुए। राज्य ने सिखों पर अत्याचार किया, उन्हें अंधाधुंध गिरफ्तार किया गया। यहां तक कि सोशल मीडिया पर हमारे समर्थन में पोस्ट करने वाले बेगुनाह लोगों को भी बेवजह गिरफ्तार कर जेलों में डाल दिया गया।
गुरु जरनैल के आशीर्वाद के बाद गिरफ्तारी
अमृतपाल ने आगे कहा, “इस कार्रवाई से कुछ लोगों का यह संदेह दूर हो गया है कि हम समान नागरिक और स्वतंत्र हैं। मुझे गिरफ्तारी का डर न पहले था और न अब है। लेकिन यह सरकार के असली चेहरे को उजागर करने के लिए गुरु द्वारा किया गया था। बेगुनाह नौजवानों को जेलों में ठूंस दिया गया है, मैं ऐसा इंसान नहीं हूं, जो अपने समर्थकों पर मुसीबत आने पर भाग जाऊं। अन्य देशों में जाने के विकल्प होने के बावजूद मैंने उस स्थान पर आत्मसमर्पण करने का निर्णय लिया है जहां से यह सब शुरू हुआ था। संत जरनैल सिंह भिंडरावाले के जन्मस्थान पर बने इस गुरुद्वारे में मेरी दस्तर बंदी की गई थी। गुरु का आशीर्वाद लेने के बाद मैं गिरफ्तारी दूंगा।
सिखों को भड़काने की कोशिश
अमृतपाल ने कहा, “मैं लोगों से अरदास करने और आंदोलन जारी रखने की अपील करता हूं। अमृत चखने के बाद ही हम निर्भय बन सकते हैं। यह स्थिति अमृत आंदोलन को रोकने के लिए बनाई गई है। यह सरकार द्वारा खालसा वाहीर को रोकने का एक प्रयास था, जिसने कई युवाओं को नशे से बचाया है। लेकिन मैं लोगों से इस अभियान को जारी रखने की अपील करता हूं। मेरी गिरफ्तारी की खबर आज दुनिया तक पहुंचेगी, मैं चाहता हूं कि संगत गुरुओं से प्रार्थना करे और अरदास करे। इस समय समाज को एकता दिखानी चाहिए। मैं उस संस्था का शुक्रगुजार हूं जिसने मुझे सपोर्ट किया। एक दिन गुरुओं की कृपा से मैं फिर से लोगों के बीच आ सकूंगा।
भिंडरांवाले के चित्र के सामने अरदास से उठा सवाल
रोडे गांव के गुरुद्वारे में अमृतपाल द्वारा रविवार सुबह गिरफ्तारी से पहले जरनैल सिंह भिंडरांवाले की तस्वीर के सामने बैठकर की गई अरदास को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। सिख धर्म की परंपराओं और मर्यादाओं के अनुसार गुरु के सिख केवल श्री गुरु ग्रंथ साहिब और 10 गुरुओं के समक्ष ही नतमस्तक होते हैं और उन्हीं के सामने अरदास करते हैं। कुछ सिख विद्वानों का कहना है कि गुरुद्वारा जहां श्री गुरु ग्रंथ साहिब प्रकाशमान हैं, वहां पवित्र ग्रंथ को छोड़कर किसी के सामने अरदास में बैठना सही नहीं है।
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