वाराणसी। सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम नमाजियों के वजू को लेकर शुक्रवार को वाराणसी के जिलाधिकारी को निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने पानी के साथ पर्याप्त संख्या में टब उपलब्ध कराने को कहा है। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 11 नवंबर को मस्जिद परिसर के अंदर उस क्षेत्र की सुरक्षा अगले आदेश तक बढ़ा दी थी, जहां एक शिवलिंग पाए जाने का दावा किया गया था।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अदालत में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का बयान दर्ज किया। तुषार मेहता ने कहा था कि कलेक्टर मस्जिद परिसर में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे। पीठ ने कहा, “सॉलिसिटर जनरल का कहना है कि जिला मजिस्ट्रेट यह सुनिश्चित करेंगे कि असुविधा से बचने के लिए वुजू में पानी के लिए पर्याप्त संख्या में टब उपलब्ध कराए जाएं।” शीर्ष अदालत ने पहले कलेक्टर को निर्देश दिया था कि मस्जिद परिसर में वुजू के लिए अनुकूल व्यवस्था प्रदान करने के लिए एक बैठक आयोजित करें।
रमजान के दौरान वुजू खोलने की हुई मांग
अदालत अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें रमजान के महीने के दौरान वाराणसी में मस्जिद परिसर में वुजू की अनुमति मांगी गई थी। शीर्ष अदालत ने इससे पहले 20 मई, 2022 को पारित अपने आदेश का हवाला दिया था, जिसमें निर्देश दिया गया था कि मस्जिद परिसर के अंदर कुछ क्षेत्रों को सील करने के बाद लोगों को वुजू और वॉशरूम की सुविधा प्रदान की जाए।
जिलाधिकारी ने मंगलवार को पहले मुस्लिम पक्ष और बुधवार को हिंदू पक्ष के साथ बैठक कर इस समस्या के समाधान के प्रयास किया था। अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के साथ हुई बैठक में तय हुआ था कि पुराने बाथरूम को तोड़कर शौचालय बना दिया जाए और उसके ऊपर टंकी रखकर वजू की व्यवस्था कर दी जाए। इसका हिंदू पक्ष ने विरोध किया था।
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