पटना। सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु पुलिस से यूट्यूबर मनीष कश्यप पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) की धारा लगाने पर जवाब मांगा है। इस मामले की अगली सुनवाई 28 अप्रैल को होगी। इसी दिन FIR क्लब करने पर भी सुनवाई होगी। तब तक मनीष कश्यप तमिलनाडु की मदुरई की सेंट्रल जेल में ही रहेंगे।
मनीष कश्यप की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई। इसमें उसने तमिलनाडु पुलिस द्वारा लगाई गई रासुका हटाने की मांग करते हुए दोनों राज्यों में दर्ज केसों को एक साथ जोड़ने की मांग की। शीर्ष अदालत ने शुक्रवार (21 अप्रैल) को इस याचिका पर सुनवाई करते हुए तमिलनाडु पुलिस को नोटिस जारी किया। SC ने नोटिस में तमिलनाडु से पूछा है कि याचिकाकर्ता के खिलाफ एनएसए क्यों लगाया गया, इस पर जवाब दें।
तमिलनाडु और बिहार सरकार ने किया याचिका का विरोध
सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई के दौरान बिहार और तमिलनाडु की सरकार ने मनीष कश्यप की याचिका का विरोध किया। तमिलनाडु की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दलील दी कि मनीष कश्यप के यूट्यूब पर 60 लाख से ज्यादा फॉलोवर्स हैं। उसने तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों पर हमले के फर्जी वीडियो बनाकर अपने अकाउंट पर शेयर किए जो कि गंभीर अपराध है। वह कोई पत्रकार नहीं बल्कि एक राजनेता है और चुनाव भी लड़ चुका है।
मनीष के खिलाफ कहां कितने केस
बिहार में आर्थिक अपराध इकाई ने मनीष पर कुल 4 केस दर्ज किया है। इनमें तीन केस तमिलनाडु प्रकरण में फर्जी वीडियो को वायरल करने से जुड़ा है। जबकि, इसी मामले में तमिलनाडु पुलिस ने कुल 13 केस दर्ज कर रखा है। इनमें 6 केस में मनीष कश्यप नामजद है। हालांकि, इस याचिका के बाद यह बात सामने आई कि तमिलनाडु पुलिस ने मनीष कश्यप के ऊपर NSA लगा दिया है। इस कारण तमिलनाडु जेल में बंद में मनीष कश्यप की मुश्किलें और अधिक बढ़ चुकी है।
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