नई दिल्ली। आईएनएक्स मीडिया केस में कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम के खिलाफ ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने 11 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति कुर्क की है।
ईडी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में जानकारी दी कि कर्नाटक के कूर्ग जिले में स्थित कुल चार संपत्तियों तीन चल और एक अचल संपत्ति को धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के तहत कुर्क किया गया है। एजेंसी के मुताबिक ईडी द्वारा कार्ति चिदंबरम मैसर्स एडवांटेज स्ट्रैटेजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड (एएससीपीएल) और अन्य के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम- PMLA के तहत कार्यवाही शुरू की गई है। भारतीय दंड संहिता, 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत दंडनीय अपराधों के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर एक ECIR दर्ज करके कार्यवाही शुरू की गई थी।
ईडी ने आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) मंजूरी देने में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए 2017 में पीएमएलए के तहत एक आपराधिक मामला दर्ज किया था। आईएनएक्स मीडिया को 2007-08 में एफआईपीबी (विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड) की मंजूरी मिली थी, जब पी चिदंबरम संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की तत्कालीन सरकार में केंद्रीय वित्त मंत्री थे। आरोप है कि यह मंजूरी कानूनी नहीं थी और एजेंसियों ने पी चिदंबरम पर अपने बेटे कार्ति के माध्यम से मीडिया समूह के प्रमोटर इंद्राणी और पीटर मुखर्जी से रिश्वत लेकर भ्रष्टाचार और धनशोधन करने का आरोप लगाया है. एफआईपीबी को मोदी सरकार ने 2017 में खत्म कर दिया था।
आईएनएक्स मीडिया की संस्थाओं द्वारा परामर्श प्रदान करने के नाम पर अवैध रूप से रिश्वत प्राप्त की गई। इस दौरान अपराध की कुल आय 65.88 करोड़ रुपये है। पैसा विदेशी खातों में भेजा गया था और विभिन्न विदेशी संपत्तियों और कंपनियों के शेयरों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कार्ति चिदंबरम द्वारा नियंत्रित और उनके माध्यम से निवेश किया गया था।
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