प्रयागराज। प्रयागराज की कटरा गोबर गली में तीन देसी बम फेंके गए। इसी गली में माफिया अतीक अहमद के वकील दयाशंकर मिश्र रहते हैं। बम से कोई हताहत नहीं हुआ है, लेकिन वकील का कहना है कि उन्हें डराने के लिए ब्लास्ट किए गए। पुलिस ने बताया है कि गली में बम तो फेंका गया है लेकिन यह वकील दयाशंकर के ऊपर हमला नहीं था।
कर्नलगंज थानाध्यक्ष राम मोहन राय ने बताया, घटना गोबर गली की है। यहां रहने वाले हर्षित सोनकर का रौनक, आकाश सिंह और छोटे के साथ पैसों को लेकर विवाद था। हर्षित बदला लेने के लिए हाथ में बम लेकर आकाश सिंह के घर पहुंच गया। उसके झोले में भी बम रखा था। उसने आकाश के घर में महिला को धमकी देते हुए कहा- मेरा नाम हर्षित सोनकर है। समझ लो। इसके बाद उसने गली में ताबड़तोड़ तीन बम फोड़ दिए। इससे गली में धुआं भर गया। लोग डर की वजह से घरों में छिप गए। इसके बाद घटना की सूचना कर्नलगंज थाने को दी। तत्काल इंस्पेक्टर कर्नलगंज और फोरेंसिक टीम घटनास्थल पर पहुंच गई। जांच में पता चला कि हर्षित ने डराने के लिए देसी बम फोड़ा है। अब पुलिस उसको गिरफ्तार करने के लिए दबिश दे रही है।
दयाशंकर बोले- दहशत फैलाने का इरादा
वकील दयाशंकर मिश्र 13 अप्रैल को सीजेएम कोर्ट में अतीक अहमद की पेशी के दौरान पैरवी के लिए पहुंचे थे। वह लंबे समय से अतीक अहमद के मुकदमों की पैरवी कर रहे हैं। बम हमले की सूचना मिलने पर दयाशंकर ने मीडिया से कहा कि घर के बाहर बम पटकने के पीछे दहशत फैलाने का इरादा हो सकता है।
अतीक की हत्या कब हुई?
अतीक और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात को उस वक्त हत्या कर दी गई थी, जब प्रयागराज में मेडिकल कॉलेज के पास उसे मेडिकल के लिए ले जाया जा रहा था। इसी दौरान अतीक और अशरफ मीडिया से बात कर रहे थे। नकली मीडियाकर्मी बनकर पहुंचे हमलावरों ने अतीक के सिर के पास गन सटाकर गोली मार दी थी। हमलावरों ने अतीक और उसके भाई पर कई राउंड फायरिंग की थी। गोली लगते ही अतीक और उसका भाई अशरफ जमीन पर गिर पड़े थे और दोनों की मौत हो गई थी।
अतीक पर हमला करने वाले लोग कौन हैं?
अतीक अहमद की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ये बात सामने आई थी कि उसे 8 गोलियां लगीं। पुलिस ने अतीक की हत्या मामले में 3 हमलावरों को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया था। इनकी पहचान सनी, अरूण और लवलेश के रूप में हुई थी। कोर्ट ने इन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा है। इनके पास से जो आधुनिक हथियार बरामद हुए थे, उनके बारे में भी अहम जानकारी सामने आई थी। ये हथियार कानपुर के हिस्ट्रीशीटर बाबर ने इन लोगों को उपलब्ध करवाए थे।
Discussion about this post