नई दिल्ली। पूर्व वायनाड सांसद राहुल गांधी शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी स्थित अपना सरकारी आवास खाली कर रहे हैं। उनका सामान सोनिया गांधी के घर (10 जनपथ) में शिफ्ट हो रहा है। राहुल गांधी लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किए गए थे। जिसके बाद सरकारी आवास खाली करने का कांग्रेस नेता को नोटिस मिला था।
सूरत की एक अदालत ने ‘मोदी सरनेम’ संबंधी टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के मामले में कांग्रेस नेता को 23 मार्च को दो साल जेल की सजा सुनाई थी। सूरत कोर्ट के फैसले के बाद लोकसभा सचिवालय ने एक नोटिफिकेशन जारी कर राहुल गांधी को अयोग्य घोषित कर दिया था। जिसके बाद लोकसभा की हाउसिंग कमेटी की तरफ से घर खाली करने का कांग्रेस नेता को नोटिस प्राप्त हुआ था।
हाउसिंग कमेटी ने राहुल गांधी को सरकारी आवास खाली करने के लिए 22 अप्रैल तक का समय दिया था। ऐसे में कांग्रेस नेता ने अपना सरकारी आवास खाली करना शुरू कर दिया है।हाउसिंग कमेटी से नोटिस मिलने के बाद राहुल गांधी की प्रतिक्रिया भी सामने आई थी। जिसमें उन्होंने साफ कर दिया था कि वो नोटिस का पालन करेंगे। राहुल गांधी ने कहा था, ”पिछले चार कार्यकालों में लोकसभा के एक निर्वाचित सांसद के रूप में, यह लोगों का जनादेश है जिसके लिए मैं यहां (सरकारी आवास) बिताए गए समय की सुखद यादों का एहसानमंद हूं।”
राहुल गांधी ने क्या कहा था?
केरल के वायनाड में राहुल गांधी ने बुधवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि मेरा घर 50 बार सीज करो, लेकिन मैं जनता के मुद्दे उठाता रहूंगा। आप लोगों को जितना भी डराने की कोशिश करिए, लेकिन फिर भी मैं उनके लिए लड़ता रहूंगा। हम किसी भी धमकी से नहीं डरते हैं। राहुल गांधी ने इस दौरान कहा था कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद में अडानी ग्रुप के मामले को लेकर सवाल करते रहे लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। ऐसा पहली बार हुआ कि सरकार ही संसद नहीं चलने दे रही थी। बता दें कि कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दल अडानी समूह को लेकर जेपीसी जांच की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर संसद के पूरे बजट सत्र में हंगामा भी रहा।
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