नई दिल्ली। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ मंगलवार (11 अप्रैल) को एक वकील पर नाराज हो गए और दो टूक कहा कि मेरे अधिकार के साथ खिलवाड़ करने का प्रयास न करें। वकील अपने मामले की जल्दी सुनवाई चाह रहा था। जस्टिस चंद्रचूड़ ने बताया कि मामला पहले ही 17 अप्रैल की सुनवाई लिस्ट है।
वकील ने केस की सुनवाई के लिए जल्दी तारीख देने की मांग कर दी और चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच से कहा कि यदि आपकी परमिशन हो तो मैं किसी दूसरी बेंच के सामने अर्जी दाखिल कर दूं। इस पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ उखड़ गए और याची को फटकार लगा दी। उन्होंने कहा कि मेरे साथ इस तरह की ट्रिक्स मत चलिए। यहां अर्जी दाखिल करने के बाद यह मत कहिए कि जल्दी डेट के लिए कहीं और दाखिल कर दूं।
इस पर वकील ने कहा कि मीलॉर्ड यदि आप मुझे क्षमा कर दें। फिर चीफ जस्टिस ने कहा कि आपकी माफी को स्वीकार किया जाता है, लेकिन मेरी अथॉरिटी को चुनौती देने की कोशिश मत करिए। इसके साथ ही चीफ जस्टिस ने कहा कि आपके मामले की सुनवाई के लिए 17 अप्रैल की तारीख तय की गई है।
‘किसी को डिक्टेट करने का प्रयास नहीं करना चाहिए’
आपको बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब सीजेआई किसी केस की जल्दी सुनवाई के मसले पर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। कुछ वक्त पहले ही सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट और सीनियर एडवोकेट को सीजेआई ने फटकार लगाई थी और कहा था कि यह उनकी कोर्ट है और वही तय करेंगे कि कब और किस तरीके से काम होगा। किसी और उन्हें डिक्टेट करने का प्रयास नहीं करना चाहिए।
क्या है सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की प्रक्रिया?
सुप्रीम कोर्ट में दो तरीके से याचिका दायर की जा सकती है। पहला सुप्रीम कोर्ट के फाइलिंग काउंटर के जरिए और दूसरा कोर्ट की वेबसाइट के जरिए। याचिका दायर होने के बाद सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री याचिका से संबंधित सभी दस्तावेजों का परीक्षण करती है और यदि दस्तावेजों में कोई खामी मिलती है तो संबंधित याचिकाकर्ता को इसकी जानकारी दी जाती है। याचिकाकर्ता को खामी दुरुस्त करने या दस्तावेज जमा करने के लिए 28 दिन का समय दिया जाता है।