नई दिल्ली। रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांता दास ने गुरुवार (6 अप्रैल) को वित्त वर्ष 2024 की पहली मॉनिटरी पॉलिसी का ऐलान किया। आरबीआई गवर्नर ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। रेपो रेट 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा है।
आरबीआई गवर्नर की घोषणा में 10 बड़ी बातें?
- आरबीआई गवर्नर के अनुसार इस बार एमपीसी की बैठक में ने रेपो रेट (Repo rate) में कोई बदलाव नहीं किया है। लागतार छह बार रेपो रेट बढ़ाने के बाद इस बार इसे 6.5 फीसदी पर अपरिवर्तित रखा है।
- आरबीआई गवर्नर ने कहा कि कोर महंगाई दर अभी भी ऊपरी स्तर पर बनी हुई है। हालांकि, FY24 में महंगाई में कमी आ सकती है। FY24 का CPI महंगाई दर का अनुमान 5.3% से घटाकर 5.2% किया गया है।
- आरबीआई गवर्नर ने FY24 में 6.5% विकास दर रहने का अनुमान जताया है। उन्होंने कहा कि Q4 में निजी खपत में कमी आई है। हालांकि, बेहतर रबी फसल से ग्रामीण क्षेत्रों में मांग सुधरने की उम्मीद है।
- आरबीआई गवर्नर ने कहा कि केंद्रीय बैंक के मौद्रिक नीति समिति के 6 में से 5 सदस्य अकोमोडेटिव रुख वापस लेने के पक्ष में रहे, जबकि सभी सदस्यों ने रेपो रेट अपरिवर्तित रखने के फैसले का समर्थन किया।
- आरबीआई गवर्नर ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान करेंट अकाउंट डिफिसिट (चालू खाता घाटा) काबू में रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि FY23 के अप्रैल-दिसंबर में चालू खाता घाटा GDP का 2.7 फीसदी रहा।
- आरबीआई गवर्नर ने कहा कि लिक्विडिटी मैनेजमेंट पर केंद्रीय बैंक की नजर बनी हुई है। रुपये की स्थिरता बनाए रखने के लिए आरबीआई लगातार कोशिश कर रहा है। साथ ही आरबीआई गवर्नर ने कंपनियों को कैपिटल बफर बनाने की सलाह दी है।
- आरबीआई गवर्नर ने यूपीआई पर बोलते हुए कहा कि यूपीआई के जरिए पहले से मंजूर क्रेडिट लाइन को मंजूरी दी जाएगी।
- आरबीआई की ओर से रेपो रेट को अपरिवर्तित रखने से एक बात साफ हो गई है कि इससे आपके होम लोन की ईएमआई कुछ महीनों तक अपरिवर्तित रह सकती है।
- आरबीआई गवर्नर ने कहा कि रिटेल महंगाई दिसंबर 2022 से बढ़ रही है, पर केंद्रीय बैंक इसे नियंत्रण में रखने के लिए लड़ाई जारी रखे हुए है।
- आरबीआई गवर्नर ने अपने वक्तव्य के दौरान कौटिल्य और महात्मा गांधी को भी याद किया।
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