गाजियाबाद। कविनगर थाना क्षेत्र के महरौली में महिला की कुल्हाड़ी से हत्या में पिछले 10 साल से फरार 50 हजार रुपये के इनामी को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। वह 10 साल से पहचान बदलकर विभिन्न जिलों और प्रदेशों में रह रहा था।
मूल रूप से जिला बाराबंकी निवासी सूरज ने 12 नवंबर 2013 को पुलिस को खबर दी कि उसकी पत्नी सरिता 11 नवंबर से गायब थी और उसकी लाश पवन के घेर में बने बाथरूम के गड्ढे में पड़ी है। इसी मकान में रविंद्र यादव किराए पर रहता था, जो फरार हो गया। पुलिस ने इसकी गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपए का इनाम घोषित किया हुआ था। एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद ने बताया कि आरोपित रविंद्र यादव बिहार के लक्खीसराय के सूर्यगढ़ के गांव खर्रा कसोद का रहने वाला है। पुलिस ने जांच में रविंद्र यादव के बिहार स्थित गांव का पता लगा लिया। पुलिस उसके घर पहुंची तो वह वहां से गायब मिला। इसके बाद पत्नी ने पुलिस के आने की सूचना दी तो वह अपने केस के बारे में जानकारी करने के लिए गाजियाबाद आया। पुलिस को उसका नंबर मिल चुका था। इलेक्ट्रानिक सर्विलांस के आधार पर पुलिस ने उसकी लोकेशन ट्रेस कर ली और उसे गिरफ्तार कर लिया।
नहीं बनवाया आधार, न हीं खाेला बैंक खाता
एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद का कहना है कि रविंद्र यादव ने पूछताछ में बताया कि उसने पुलिस से बचने के लिए पिछले 10 साल में अपना आधार कार्ड नहीं बनवाया और बैंक में खाता भी नहीं खुलवाया। हत्या के बाद भागकर वह अपने गांव गया और यहां से पंजाब के कपूरथला चला गया। यहां उसने काफी समय तक ई-रिक्शा चलाया। उसने अपना नाम बदलकर रवि रख लिया था। कपूरथला से वह झारखंड के देवघर चला गया और यहां कई प्रकार के काम किए। वर्तमान में वह ई-रिक्शा चला रहा था।
क्यों हुई थी हत्या?
पूछताछ में रविंद्र यादव ने बताया कि मैं घरों में टाइल्स व पत्थर लगाने का काम करता हूं। काम के सिलसिले में ही मैं गाजियाबाद आया और पत्नी सहित पवन के मकान में किराए पर रहने लगा। इसी दौरान पड़ोस में रहने वाली सरिता से उसकी जान-पहचान हो गई। रविंद्र ने सरिता की नौकरी एक स्कूल में लगवा दी। इसके बाद दोनों के अवैध संबंध भी हो गए। रविंद्र ने बताया, कुछ दिनों बाद मुझे सरिता के चरित्र पर शक होने लगा। मेरी पत्नी गांव गई हुई थी। गुस्से में आकर मैंने गंडासे से वार करके सरिता की हत्या कर दी और शव को फेंककर भाग गया।
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