गाजियाबाद। मसूरी थाना क्षेत्र के मटियाला गांव के जंगल में 26 मार्च को मिले शव की 11 दिन बाद शिनाख्त हो गई है। पुलिस ने मृतक की फोटो के साथ जानकारी इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित की थी। जो उसके एक रिश्तेदार तक पहुँच गयी। इस मामले में परिजन परिजन भी शक के घेरे में हैं। क्योंकि युवक के लापता होने के बावजूद परिजनों ने पुलिस को कोई सूचना तक नहीं दी। पुलिस का कहना है कि जल्द वारदात का खुलासा किया जाएगा।
क्षेत्र के मटियाला गांव के जंगल में 26 मार्च की सुबह एक अज्ञात व्यक्ति की लाश पड़ी मिली। उसके गले में लाल रंग का गमछा लिपटा था। आशंका जताई गई कि इसी गमछे से गला घोटकर उसकी हत्या की गई है। 72 घंटे तक शव की पहचान नहीं होने पर पुलिस ने उसका अज्ञात में अंतिम संस्कार कर दिया था। एसीपी मसूरी निमिष पाटिल का कहना है कि मृतक की पहचान मुरादनगर के रेलवे रोड स्थित न्यू डिफेंस कालोनी के रहने वाले जयवीर सिंह पुत्र रामशरण के रूप में हुई है। जयवीर के साले जोगेंद्रपाल निवासी मोदीनगर के वॉट्सऐप पर जब अज्ञात शव का फोटो पहुंचा, तब उन्होंने जीजा के रूप में उन्हें पहचाना और मसूरी थाना पहुंचकर इसकी सूचना दी। इसके बाद पुलिस ने मृतक के घर पहुँची।
11 दिन तक स्वजन ने दर्ज नहीं कराई गुमशुदगी
जयवीर पाल के 25 मार्च को लापता होने के बाद स्वजन ने उनकी गुमशुदगी दर्ज नहीं कराई। पुलिस परिवार को भी संदेह की दृष्टि से देख रही है। पुलिस को स्वजन ने बताया कि जयवीर पाल कई बार बिना बताए घर से चले गए थे और वापस लौट आते थे। इसके चलते उन्होंने इस बार भी सोचा की वह कहीं चले गए होंगे और वापस लौट आएंगे। इसके चलते उनकी गुमशुदगी दर्ज नहीं कराई गई।
निमिष पाटिल, एसीपी मसूरी ने कहा कि स्वजन से मृतक का मोबाइल नंबर मिला है। फोन की सीडीआर निकालकर जांच की जा रही है। हत्याकांड का जल्द पर्दाफाश कर आरोपितों को गिरफ्तार किया जाएगा।
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