दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखते हुए बड़ी अपील की है। उन्होंने रेलवे में दिए जाने वाले बुजुर्ग कोटा को फिर से बहाल करने की विनती की है।
केजरीवाल ने लेटर में कहा, ‘देश के बुजुर्गों को पिछले कई सालों से रेल यात्रा में 50 फीसदी तक की छूट मिल रही थी। इसका लाभ देश के करोड़ों बुजुर्गों को मिल रहा था। आपकी सरकार ने इस छूट को समाप्त कर दिया , जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। पिछले दिनों लोकसभा में आपकी सरकार ने बताया कि रेल यात्रा में बुजुर्गों को दी जा रही छूट को बंद करने से सालाना 1600 करोड़ रुपयों की बचत हो रही है।’
दिल्ली के सीएम ने बुजुर्गों की तीर्थयात्रा की व्यवस्था का जिक्र करते हुए कहा कि उनके आशीर्वाद से दिल्ली तरक्की कर रही है। उन्होंने लिखा, ‘सर बात पैसों की नहीं है। बात नीयत की है। दिल्ली सरकार अपने 70 हजार करोड़ के बजटे से बुजुर्गों को तीर्थी यात्रा पर यदि 50 करोड़ खर्च कर देती है तो सरकार कोई गरीब नहीं हो जाती। आने वाले साल में केंद्र सरकार 45 लाख करोड़ रुपए खर्च करेगी। इससे बुजुर्गों की रेल यात्रा में छूट पर मात्र 1600 करोड़ खर्च होते हैं। यह राशि समुद्र में बूंद जैसी है।’
उन्होंने कहा कि सब्सिडी वंद करने से बुजुर्गों को संदेश जाता है कि उनकी परवाह नहीं की जा रही है। यह गलत है और भारतीय संस्कृति के खिलाफ है। केजरीवाल ने कहा, ‘मेरी आपसे विनती है कि बुजुर्गों के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए जल्द से जल्द इस रियायत को बहाल करने का कष्ट करें।‘
बता दें कि कोविड महामारी से पहले रेलवे द्वारा वरिष्ठ नागरिकों को रेलवे के किराये में रियायत दी जाती थी। कोविड से पहले तक भारतीय रेलवे 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के पुरुषों को किराये में 40 प्रतिशत की छूट देता था और 58 वर्ष की आयु पूरी कर चुकीं महिलाओं को किराये में 50 प्रतिशत की छूट देता था। यह रियायत मेल/एक्सप्रेस/राजधानी/शताब्दी/दुरंतो समूह की ट्रेनों के सभी वर्गों के किराये में दी जाती थी लेकिन 20 मार्च, 2020 को यह सुविधा वापस ले ली गई थी।