नई दिल्ली। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तानाशाह बताते हुए नए संसद भवन को उनके घमंड की इमारत कहकर नया विवाद छेड़ दिया है। गुरुवार को प्रधानमंत्री ने नए संसद भवन का दौरा किया।
जयराम रमेश नए संसद भवन को पैसों की बर्बादी करार देते हुए ‘पर्सनल वैनिटी प्रोजेक्ट‘ बताया है। पीएम की संसद भवन का निरीक्षण करते हुए तस्वीरों के साथ ट्वीट करते हुए जयराम रमेश ने कहा कि यह पैसों की बर्बादी है और हर ‘तानाशाह’ अपने पीछे ऑर्किटेक्चर की विरासत को छोड़ जाना चाहता है। कांग्रेस पार्टी इससे पहले भी मौके-दर-मौके केंद्र सरकार पर निशाना साधती रही है।
जयराम रमेश की इस टिप्पणी पर भाजपा सांसद व प्रवक्ता कर्नल राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ ने कांग्रेस को घेरते हुए कहा, नए संसद भवन का प्रस्ताव 2012 में सोनिया गांधी के रिमोट कंट्रोल वाली यूपीए सरकार के समय स्वीकार हुआ। तब चर्चा थी कि इसे बनाने में 3000 करोड़ की लगात आएगी। लेकिन 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ईमानदार सरकार आ गई और लागत घटकर 971 करोड़ रह गई। आज नई संसद व सेंट्रल विस्टा को जनाकांक्षा का प्रतीक माना जा रहा है, तो कांग्रेस बौखला गई है और साबित कर रही है कि उसे देशवासियों के हर गौरव, हर खुशी से दर्द होता है। दशकों के कांग्रेसी शासनकाल में कमीशनखोरी आम बात थी, तो संभव है 3,000 करोड़ में भी कांग्रेस के वारे-न्यारे होते, शायद यही कांग्रेस की छटपटाहट की असल वजह है।
पहले कहा था, पुराना संसद काम का नहीं
ट्विटर पर लोगों ने भी जयराम रमेश को पुरानी खबरें याद दिलाना शुरू कर दिया, जब वे खुद नए संसद भवन की पैरवी करते थे। असल में 2012 में जब जयराम रमेश केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री थे, तब उन्होंने कहा था कि हमें नए संसद भवन की सख्त जरूरत है। मौजूदा संसद भवन काम का नहीं, यह पूरी तरह से पुराना पड़ चुका है। बहरहाल, ट्विटर पर जयराम रमेश को नए संसद भवन के खिलाफ अपने विचारों को लेकर लोग जमकर खरी-खोटी सुना रहे हैं।
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