चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) प्रमुख और लोकसभा सांसद सिमरनजीत सिंह मान ने भगोड़े अमृतपाल सिंह को पाकिस्तान भागने की सलाह दे रहे हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अमृतपाल को सरेंडर भी नहीं करना चाहिए।
सिमरनजीत सिंह मान ने कहा कि अमृतपाल को आत्मसमर्पण नहीं करना चाहिए बल्कि उसे रावी नदी पार करके पाकिस्तान भाग जाना चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि अमृतपाल का जीवन खतरे में है और सरकार हम पर अत्याचार कर रही है। उन्होंने कहा, ‘हम 1984 में भी पाकिस्तान नहीं गए थे क्या?’
मान का ये बयान ऐसे समय में आया है जब अमृतपाल कह रहा है कि मैं पूरी तरह आजाद हूं। भगोड़ा नहीं हूं। गुरुवार को जारी एक वीडियो में उसने कहा कि जल्द ही संगत के सामने आऊंगा। मैंने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार से मांग की है कि श्री अकाल तख्त से श्री दमदमा साहिब तक खालसा वहीर निकाली जाए। साथ ही बैसाखी वाले दिन सरबत खालसा बुलाया जाए। केश कत्ल करने के बारे में सोच भी नहीं सकता हूं। इससे पहले उसने एक ऑडियो भी जारी किया।
अब तक हाथ नहीं आया अमृतपाल
18 मार्च से ही अमृतपाल को पकड़ने की कोशिशें जारी हैं। उसकी तलाश में पुलिस 150 से ज्यादा गिरफ्तारियां कर चुकी हैं। खबरें हैं कि इस दौरान अमृतपाल ने पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में रहा। हाल ही में उसका एक वीडियो सामने आया था, जहां वह दुनियाभर के सिखों से एकजुट होने की अपील कर रहा था।
1984 में क्या हुआ था?
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जरनैल सिंह भिंडरावाले के खिलाफ ऑपरेशन ब्लू स्टार शुरू किया था। बाद में सिख बॉडीगार्ड्स ने उनकी हत्या कर दी थी और इसके चलते 1984 में सिख नरसंहार शुरू हो गया था।
Discussion about this post