लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष आरके विश्वकर्मा को राज्य सरकार ने कार्यवाहक डीजीपी बनाया है। दो माह बाद सेवानिवृत्त होने वाले आरके विश्वकर्मा वर्ष 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। भर्ती बोर्ड के अलावा उनके पास डीजी ईओडब्ल्यू के पद की जिम्मेदारी भी थी।
ल रूप से जौनपुर के रहने वाले आरके विश्वकर्मा सपा सरकार में आईजी कानून व्यवस्था के पद की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। आईपीएस मुकुल गोयल के बाद वह दूसरे सबसे सीनियर आइपीएस हैं। उनका रिटायरमेंट मई 2023 में होना है। डीजी भर्ती बोर्ड, आर के विश्वकर्मा को यह प्रभार डीजीपी डॉ डीएस चौहान के द्वारा हैंडओवर किया गया है। इस दौरान दो माह तक उनके पास यह प्रभार रहेगा। उसके बाद डीजीपी के लिए प्रपोजल भेजा जाएगा।
11 महीने से कार्यवाहक डीजीपी
बीते 11 महीने से यूपी की कानून व्यवस्था कार्यवाहक डीजी के सहारे चल रही है। इस पद पर तैनात डीएस चौहान के पास डीजी इंटेलिजेंस और डीजी विजिलेंस की भी जिम्मेदारी थी। प्रदेश के इतिहास में शायद यह पहला मौका है, जब 11 महीने तक राज्य की कानून व्यवस्था किसी कार्यवाहक डीजी के भरोसे रही है।
चार अफसर थे रेस में
इससे पहले 1988 बैच के ही चार अफसर डीजीपी पद की रेस में चल रहे थे। इनमें विजय कुमार की सेवानिवृत्ति जनवरी 2024 में है। वहीं डीजी की रेस में एक नाम आनंद कुमार का भी है, वह अप्रैल 2024 में रिटायर होंगे। इसी बैच के अनिल कुमार अग्रवाल जो कि फिलहाल केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं, वह अप्रैल और डॉ राजकुमार विश्वकर्मा मई 2023 में रिटायर होने वाले हैं।
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