नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता अमित शाह ने दावा किया है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने गुजरात में एक कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फंसाने के लिए उन पर ‘दबाव’ डाला था। अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में सीबीआई ने उनसे पूछताछ के दौरान कहा था कि ‘मोदी का नाम दे दो’। अमित शाह का दावा है कि इसके लिए सीबीआई के अधिकारियों ने उनपर दबाव डाला था।
मीडिया चैनल न्यूज18 के ‘राइजिंग इंडिया समिट’ में बुधवार को बोलते हुए अमित शाह ने सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले का जिक्र करते हुए कहा कि उस वक्त वह गुजरात के गृह मंत्री थे, उस जांच के दौरान सीबीआई ने ‘मोदी’ का नाम लेने का दबाव डाला था। अमित शाह ने कहा, ”मैं आपको बताऊंगा कि कैसे एजेंसियों का दुरुपयोग किया जाता है, मैं इसका शिकार हुआ हूं …कांग्रेस ने हमारे खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज नहीं किया। जब मैं गुजरात का गृह मंत्री था तब एक एनकाउंटर हुआ था। मेरे खिलाफ मामला दर्ज किया गया और सीबीआई ने मुझे गिरफ्तार कर लिया था।”
अमित शाह ने कहा, ”मेरी पूछताछ के दौरान 90 फीसदी सवालों में, मुझसे पूछा गया कि मुझे परेशान क्यों किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर मैं नरेंद्र मोदी का नाम लूंगा तो वे मुझे छोड़ देंगे। फिर भी हमने न तो उस वक्त विरोध किया और न ही काले कपड़े पहने या संसद का कामकाज रोका। मोदी के खिलाफ एक SIT का गठन किया गया था जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खुद ही खारिज कर दिया था।”
‘मुझे मोदी का नाम लेने को कहा गया था…’
अमित शाह ने आरोप लगाया कि पूरी पूछताछ के दौरान उन्हें मोदी का नाम बताने के लिए कहा गया। अमित शाह ने कहा, ”पूरी पूछताछ में मुझसे कहा गया, ‘मोदी का नाम दे दो, दे दो। लेकिन मैं उन्हें क्यों फंसाऊं? आज वही कांग्रेस अपने भाग्य पर रो रही है।”
राहुल गांधी पर अमित शाह ने क्या कहा?
अमित शाह ने सूरत की एक अदालत द्वारा आपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधी की सजा पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। अमित शाह ने कहा कि राहुल गांधी कांग्रेस के एकमात्र राजनेता नहीं है, जिन्हें अदालत ने दोषी ठहराया है और जिन्होंने संसद की सदस्यता खोई हो।अमित शाह ने कहा उपरी अदालत में जाने के बजाय, राहुल गांधी हो-हल्ला मचाने की कोशिश कर रहे हैं और अपनी किस्मत के लिए पीएम मोदी को दोष दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस गलतफहमियां फैला रही है। उन्होंने कहा, ‘अगर अदालत फैसला करती है तो सजा पर रोक लगाई जा सकती है।’
अमित शाह ने कहा कि लालू प्रसाद, जे जयललिता और राशिद अल्वी सहित 17 प्रमुख नेताओं ने यूपीए सरकार के दौरान 2013 के सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के कारण अपनी संसद की सदस्यता खो दी थी। लेकिन उस वक्त भी किसी ने काले कपड़े पहनकर अपना विरोध नहीं जताया था क्योंकि यह “देश का कानून” है। राहुल गांधी का पूरा भाषण सुनिए, उन्होंने मोदी जी के लिए अपशब्द ही नहीं बोले हैं। उन्होंने पूरे मोदी समुदाय और ओबीसी समाज के लिए अपशब्द बोले हैं।
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