नई दिल्ली। सूरत कोर्ट ने मानहानि के मामले में राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा दी है। जिसके बाद कांग्रेस नेता की संसद सदस्यता रद्द हो गई है। वहीं अब सदस्यता खत्म करने के प्रावधान के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
जानकारी के मुताबिक ये याचिका केरल की आभा मुरलीधरन ने दायर की है। उन्होंने कहा कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की 8(3) का राजनीतिक दल गलत इस्तेमाल अपने फायदे के लिए कर रहे। ये राजनीतिक एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए प्रयोग की जा रही। ये हमारे चुनावी प्रक्रिया में अशांति पैदा कर सकती है। ऐसे में जब भी किसी को दो साल की सजा हो तो उसकी सदस्यता तुरंत ना खत्म की जाए, बल्कि उसके अपराध की प्रवृत्ति, भूमिका आदि को देखकर इस पर फैसला लिया जाए।
किस मामले में राहुल को हुई सजा?
राहुल गांधी ने 2019 में कर्नाटक में रैली की थी। उस दौरान उन्होंने कहा था कि ‘सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों’। उनका निशाना नीरव मोदी और ललित मोदी पर था। इस बयान के आधार पर गुजरात से बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने सूरत कोर्ट में आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया। जिस पर अब कोर्ट का फैसला आया है, जिसमें राहुल गांधी को दो साल जेल की सजा हुई। हालांकि उनको तुरंत जमानत दे दी गई।
क्या है अयोग्यता का नियम?
विधानसभा, विधान परिषद, लोकसभा या राज्यसभा के किसी भी सदस्य को अगर दो साल या उससे ज्यादा की सजा होती है, तो उसकी सदस्यता तुरंत रद्द कर दी जाती है। इसके अलावा वो अगले 6 साल तक के लिए अयोग्य रहते हैं और चुनाव नहीं लड़ सकते। पिछले एक साल में कई लोगों की सदस्यता इन नियम के आधार पर गई है।
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