दिल्ली। साल 202 में हुए दिल्ली दंगों में आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या ने सबको झकझोर कर रख दिया था। आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता ताहिर हुसैन पर उस समय अंकित को मारने का आरोप लगा था। अब दंगों के तीन साल बाद दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने ताहिर समेत अन्य लोगों के खिलाफ आरोप तय कर दिया है। अदालत ने इन सभी आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 152 ए और 120बी के तहत ये आरोप तय किए हैं।
दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि प्रथम दृष्टया देखने पर लगता है कि ताहिर ने हिंदुओं को मारने के लिए उकसावे की भूमिका निभाई थी और उसने भीड़ को हिंदुओं को न छोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया था। कोर्ट ने आगे कहा कि मामले को देखने पर लगता है कि ताहिर ने अंकित को भीड़ के सामने आता देख उकसाने का काम किया था। कोर्ट ने यह भी कहा कि हुसैन लगातार भीड़ की निगरानी कर रहा था। वह साथ ही साथ निर्देश भी दे रहा था।
दिल्ली दंगों का शिकार हो गया था अंकित शर्मा
साल 2020 की शुरुआत में 23 फरवरी को दिल्ली में दंगे भड़क गए थे। दोनों ही समुदाय के लोगों को काफ नुकसान पहुंचा था। इस घटना में 53 लोगों की मौत हुई थी। पब्लिक से लेकर प्राइवेट प्रॉपर्टी तक को बहुत नुकसान हुआ था। इसी दंगे में आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की भी हत्या की गई थी। उसका शव एक नाले के अंदर से निकाला गया था। उस समय जिसने भी यह मंजर देखा था वह कांप गया था।
Discussion about this post