लखनऊ। समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव ने एक बार फिर से कांग्रेस की आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीति पर सवाल खड़ा करते हुए पार्टी को एक सलाह दे डाली है। अखिलेश यादव ने कांग्रेस पार्टी को सलाह दी है कि वह पहले यह तय करें कि 2024 में उनकी क्या भूमिका होगी।
अखिलेश रविवार को कोलकाता में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद पत्रकारों से मुखातिब थे। गैरकांग्रेसी फ्रंट के चेहरे के सवाल पर सपा मुखिया ने कहा कि हमारे पास बहुत चेहरे हैं, समय आने पर तय होंगे। हमारी प्राथमिकता भाजपा को सत्ता से बाहर करना है। कांग्रेस को लेकर अखिलेश यादव ने जिस प्रकार का बयान दिया है, उसका साफ अर्थ यह है कि वे पार्टी को उनके स्ट्रांग जोन में रहने की सलाह दे रहे हैं। जहां पर क्षेत्रीय दल मजबूत हैं, वहां उन्हें ही भाजपा के मुकाबले में खड़ा रहने देने की रणनीति की भी बात राजनीतिक विश्लेषकों की ओर से की जा रही है।
कार्यकर्ताओं से पूछेंगे
अखिलेश ने कहा कि सपा यूपी में सभी 80 सीटों पर जीत के लिए चुनाव लड़ेगी। गांधी परिवार के वॉकओवर के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह अमेठी में कार्यकर्ताओं से मिले थे। उनका कहना था कि हम वोट कांग्रेस को देते हैं, लेकिन कांग्रेस हमारी मदद नहीं करती। सपा कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न हो रहा है, लेकिन कांग्रेस का कोई पदाधिकारी या कार्यकर्ता मदद के लिए नहीं पहुंचता। इसलिए, सपा को लड़ना चाहिए। चुनाव के पहले कार्यकर्ताओं से राय लेकर फैसला किया जाएगा। कुछ मुद्दों पर संसद में कांग्रेस के साथ होने पर अखिलेश ने कहा कि सदन में फ्लोर को-ऑर्डिनेशन अलग मसला है, जमीन की लड़ाई अलग है।
अखिलेश ने कहा कि जातीय जनगणना सामाजिक न्याय के लिए अहम है और सपा इस मुद्दे को आगे बढ़ाएगी। मंडल कमीशन जिस भावना से लागू किया गया था, भाजपा उसे खत्म कर रही है। आज पिछड़ों की मेरिट सामान्य से ज्यादा हो गई है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि टीएमसी मुखिया ममता बनर्जी से इस पर कोई बात नहीं हुई है लेकिन दक्षिण के दल इस मुद्दे के साथ हैं।
कार्यकर्ता कहेंगे तो यात्रा निकालेंगे
सपा मुखिया ने कहा कि वह यूपी में यात्राएं करते रहते हैं। कार्यकर्ता कहेंगे तो आगे भी यात्रा निकालेंगे। यूपी में बेरोजगारी, महंगाई चरम पर है। पुलिस कानून-व्यवस्था ठीक नहीं कर पा रही, उससे बिजली ठीक करने के काम पर लगा दिया गया है। चुनाव में भाजपा जनता-कर्मचारियों से वादा करती है और चुनाव के बाद उससे मुकर जाती है। अखिलेश ने बिजली विभाग में हुए पीएफ घोटाले का जिक्र करते हुए अडाणी पर निशाना साधा। कहा कि बोर्ड बैठक में लिए गए निवेश के फैसले के चलते यूपी में कई अधिकारी जेल भेज दिए गए। ऐसे में एक उद्योगपति की कंपनी में निवेश करने के लिए एलआईसी और एसबीआई के अधिकारी कब जेल भेज जाएंगे?
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