नई दिल्ली। भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर कटाक्ष किया है। राहुल गांधी के लंदन के कैंब्रिज विवि में दिए स्पीच पर पलटवार करते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत के नागरिक के रूप में “किसी को चीन की तारीफ” करते देखना परेशान करने वाला था। चीन के लिए राहुल गांधी के शब्द सद्भाव और भारत के लिए कलह थे।
एक निजी टीवी चैनल के कार्यक्रम में जयशंकर ने कहा कि राहुल गांधी UK जाकर चीन की खूब तारीफ करते हैं लेकिन भारत की उपलब्धियों को खारिज कर देते हैं। उन्होंने कहा कि राहुल चीन की मैनुफैक्चरिंग इंडस्ट्री को सराहते हैं लेकिन मेक इन इंडिया को रिजेक्ट करते हैं। देश में बनी कोवैक्सीन को कांग्रेसी ‘बेकार’ बताते हैं। जयशंकर ने 2011 में मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी से जुड़ा किस्सा सुनाकर भी राहुल को संदेश दिया। उन्होंने कहा कि तब विपक्ष के नेता होने के बावजूद मोदी चीन में कुछ ऐसा नहीं बोलना चाहते थे जो देश के स्टैंड के खिलाफ हो। विदेश मंत्री ने कहा कि चीन के साथ जब तक सीमा पर तनाव दूर नहीं होता, रिश्ते सामान्य नहीं होंगे।
राहुल के लंदन वाले बयान पर जयशंकर ने सुनाया मोदी का 2011 वाला किस्सा
राहुल गांधी के लंदन में दिए बयान पर सवाल हुआ तो जयशंकर को 2011 के नरेंद्र मोदी याद आ गए। विदेश मंत्री ने बताया कि तब ‘मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। विपक्षी दल से थे, बहुत सारे राजनीतिक हमले झेल रहे थे। वह चीन आते हैं, मैं राजदूत हूं। उन्होंने मुझसे चीन के साथ हमारी समस्याओं पर ब्रीफिंग मांगी। मैंने उनसे कहा कि आप पहले मुख्यमंत्री हैं जिसने मुझसे नैशनल सिक्योरिटी पर कुछ पूछा हैं। उन्होंने कहा कि मैं विपक्ष का सीएम हूं, चीन आया हूं। मैं कुछ ऐसा नहीं कहना चाहता जो मेरी राष्ट्रीय पोजिशन से इतर हो। मुझे बेहद सावधान रहना होगा इसलिए आपसे सब समझना चाहता हूं। मीटिंग में अगर लगे कि मैं इधर-उधर जा रहा हूं तो सिग्नल कर देना।’
‘चीन की तारीफ लेकिन भारत को खारिज करते हैं राहुल’
जयशंकर ने कहा कि राहुल गांधी ने जो कुछ कहा, उसमें से ज्यादातर राजनीति है। विदेश मंत्री ने कहा कि मुझे एक नागरिक के रूप में दिक्कत है कि कोई चीन को लेकर लट्टू है और भारत को खारिज करता है। जयशंकर ने कहा कि चीन को लेकर चीन के बारे में राहुल गांधी का एक शब्द हैरतअंगेज है- हार्मनी। वो चीन के लिए ‘सद्भाव’ शब्द का इस्तेमाल करते हैं। राहुल गांधी चीन की मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ड्री की जमकर तारीफ करते हैं, लेकिन मेक इन इंडिया को खारिज करते हैं। भारत में बनी कोविड वैक्सीन को कहते हैं- ये बेकार है।
चीन के सवाल पर जयशंकर ने क्या कहा?
जयशंकर ने कहा कि चीन के साथ रिश्तों का मुश्किल दौर चल रहा है। राजीव गांधी से लेकर 2020 तक के दौर को याद करते हुए जयशंकर ने कहा कि समझौते को चीनी पक्ष ने तोड़ा। जयशंकर ने कहा कि हालात अब भी काफी तनावपूर्ण हैं। हमने डिसइंगेजमेंट पर काम किया है लेकिन इसमें वक्त लगता है। हमने चीन से साफ कहा कि आप समझौते तोड़कर गर्मजोशी से भरे रिश्ते बरकरार नहीं रख सकते। जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री से बातचीत में सीमा पर तनाव के मसले पर सैद्धांतिक सहमति बनने का दावा किया। उन्होंने कहा कि जब तक ये समस्याएं दूर नहीं होतीं, रिश्ते सामान्य नहीं होंगे।
‘राहुल को भिजवानी होंगी ये दो किताबें’
जयशंकर ने कार्यक्रम में सामने बैठे डॉ माइकल पिल्सबरी का जिक्र किया। डॉ पिल्सबरी चीन मामलों के विशेषज्ञ हैं। जयशंकर ने कहा कि एक अमेरिकन के रूप में वह चीन को देखते हैं। हम एक-दूसरे को 40 साल से जाते हैं। मैं एक भारतीय की नजर से दुनिया को देख रहा हूं। मुझे नहीं लगता कि यह कोई बाइनरी सिचुएशन है। डॉ पिल्सबरी की बातों से मैंने समझा कि दुनिया में दम दिखाना है तो मजबूत बनना होगा। जयशंकर ने उनकी किताब The Hundred-Year Marathon का भी जिक्र किया।
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