लखनऊ। योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद पिछले छह सालों में यूपी में 10,713 मुठभेड़ अभियान चलाया गया है। ये मुठभेड़ असामाजिक तत्वों के खिलाफ ‘जीरो-टॉलरेस’ नीति के तहत अपराधियों को पकड़ने के लिए चलाया गया है।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक सबसे अधिक मुठभेड़ मेरठ में हुआ है। जिले में कुल छह सालों में 3,152 मुठभेड़ हुई है। जिसमें 63 अपराधियों का सफाया कर दिया गया वहीं, 1708 घायल हो गए। इन झड़पों में के दौरान एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई, वहीं 401 पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने मुठभेड़ के बाद 5967 अपराधियों को गिरफ्तार करने में सफल रही।
मेरठ के बाद दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा पुलिस एनकाउंटर आगरा में हुए हैं। ताज नगरी आगरा में 1844 एनकाउंटर हुए हैं। इसमें 14 अपराधियों का सफाया हुआ है। जबकि 4654 को गिरफ्तार किया गया। वहीं इन ऑपरेशन से करीब 55 पुलिसकर्मियों को चोटें भी आईं। आगरा के बाद तीसरे नंबर पर बरेली है। जहां 1497 मुठभेड़ हुई है जिसमें सात अपराधी मारे गए जबकी 3410 अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया। इन मुठभेड़ों में 296 पुलिसकर्मी और 437 अपराधी घायल हुए, जबकि एक पुलिसकर्मी की जान चली गई।
इस मामले यूपी के अपर महानिदेशक(कानून व्यवस्था) पुलिस प्रशांत कुमार ने बताया कि राज्य की पुलिस ने अपराधियों को करारा जवाब दिया है। पुलिस के साथ उलझने वाले अपराधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं इस मामले में समाजवादी पार्टी के सचिव और प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी का कहना है कि बीजेपी के नेतृत्व वाली मौजूदा सरकार के तहत कानून व्यवस्था पहले से बदतर हुई है। ये सरकार का प्रचार है।
बता दें फरवरी में आयोजित हुए जीआईएस-23 के इवेंट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह समेत अन्य दिग्गज नेताओं ने सीएम योगी के राज्य कानून व्यवस्था की प्रशंसा की थी। उन्होंने कहा कि यूपी की कानून व्यवस्था की स्थिति राज्य को पहले से कहीं अधिक निवेश के लिए आकर्षित कर रही है।
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