नई दिल्ली। देश में समलैंगिक विवाह को लेकर चल रही बहस के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने केंद्र का समर्थन किया है। उन्होंने सामाजिक सरोकार से जुड़े समलैंगिक विवाह के विषय में स्पष्ट किया कि विवाह संस्कार है, अनुबंध नहीं।
दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि हिन्दू जीवन दर्शन में विवाह एक संस्कार है, नाकि यह कोई कॉन्ट्रेक्ट। भारत मे विवाह हजारों-लाखों वर्षों से एक संस्कार है। विवाह पुरुष-महिला में होना चाहिए। होसबोले ने कहा कि समलैंगिक विवाह के विषय में संघ का स्पष्ट विचार है कि विवाह एक संस्कार है जो स्त्री पुरुष के बीच होता है, क्योंकि इसका उद्देश्य व्यापक समाज हित है ना कि व्यक्तिगत दैहिक सुख। जनसंख्या नियंत्रण पर दत्तात्रेय ने कहा कि संघ जनसंख्या नियंत्रण की बात नहीं करता, जनसंख्या संतुलन के बारे में संघ ने कहा है। देश मे जनसंख्या असंतुलन के बारे में सुप्रीम कोर्ट भी कह चुका है। जनसंख्या असन्तुलन देश के लिए बड़ा खतरा है। भारत के हिन्दू राष्ट्र बोलते हुए दत्तात्रेय ने कहा कि भारत की संस्कृति हिन्दू नेशन है।
केंद्र ने याचिकाओं का किया विरोध
केंद्र ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की विभिन्न याचिकाओं के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट हलफनामा दायर किया है। हलफनामे में, केंद्र ने मांग का विरोध करते हुए कहा, समलैंगिकों के विवाह को कानूनी मान्यता देने वाली याचिकाओं को खारिज किया जाना चाहिए।
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