नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र का दूसरे चरण चल रहा है और आज फिर दोनों सदनों में राहुल से माफी की मांग को लेकर हंगामा हुआ। भाजपा नेताओं ने राहुल गांधी से लंदन में भारत की छवि खराब करने को लेकर माफी की मांग की तो कांग्रेस ने अदाणी मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश की।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने राहुल गांधी का नाम लिए बगैर कहा कि विपक्ष के एक नेता ने विदेशी धरती पर जो बयान दिया है वह देश की अस्मिता और सभी सांसदों के स्वाभिमान से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि पूरी संसद को उनके इस बयान की निंदा करनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें यहां आकर माफी मांगनी पड़ेगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही संसद का हिस्सा हैं, जिसमें भारत के राष्ट्रपति भी शामिल हैं। सबका अपमान किया गया है। मुझे लगता है कि यह पहली बार है कि पूरी संसद का अपमान किया गया है।’’ गोयल ने कहा कि एक सांसद ने विदेशी धरती पर संसद के खिलाफ ‘‘अनावश्यक और अवांछित’’ टिप्पणी की। गोयल ने कहा, ‘‘संवैधानिक प्रावधान कहते हैं कि हम सभी को इस तरह के व्यवहार की निंदा करनी चाहिए और संबंधित व्यक्ति को माफी मांगनी चाहिए।’’
इसके बाद कांग्रेस के शक्तिसिंह गोहिल ने सदन के नेता पीयूष गोयल के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस दायर किया है। गोहिल ने अपने नोटिस में कहा, “गोयल ने बिना सच्चाई के लोकसभा के एक सदस्य की आलोचना की और जानबूझकर अपमानजनक टिप्पणी की।” कांग्रेस सदस्य ने उदाहरण देते हुआ कहा कि चेयर ने फैसला सुनाया था कि कोई भी सदस्य दूसरे सदन के सदस्य के खिलाफ आरोप नहीं लगा सकता है। कांग्रेस सांसद ने कहा, “माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विदेशी धरती पर की गई आलोचनात्मक टिप्पणी के संबंध में किसी विपक्षी सदस्य ने कभी मुद्दा नहीं उठाया।”
लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता मनिक्कम टैगोर ने कहा है कि माफी मांगने का कोई सवाल ही नहीं है। उन्होंने एनडीटीवी से कहा, “सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने कुछ भी गलत नहीं कहा। आरएसएस वाले माफी मांगते हैं, कांग्रेस वाले नहीं। उन्होंने सही कहा है कि लोगों की आवाज दबाई जा रही है।” एक ट्विटर पोस्ट में, टैगोर ने प्रधानमंत्री द्वारा विदेशों में की गई टिप्पणियों को शेयर किया और कहा कि उन्हें विदेशों में भारत का अपमान करने के लिए माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस नेता ने लिखा, “हां, प्रधानमंत्री नरेंद्र जी को माफी मांगनी चाहिए, उन्होंने विदेश में भारत का अपमान किया। सावरकर की तरह वह कर सकते हैं, वह करेंगे भी।”
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