दिल्ली। एक दिव्यांग युवक ने नकली टांग लवाने का झांसा देकर एसीपी सीमापुरी के कार्यालय में जाकर एक हेड कांस्टेबल से दो हजार रुपये ठग लिए। वह एसीपी अक्षय कुमार से शाहदरा डीसीपी रोहित मीणा का नाम लेकर 21 हजार रुपये लेने पर अड़ गया, शक होने पर एसीपी ने जब डीसीपी से पूछा तो दिव्यांग का भेद खुल गया। पुलिस ने उसे वहीं पर दबोच लिया।
एसीपी सीमापुरी के ऑफिस में हेड कॉन्स्टेबल मनु कुमार बतौर रीडर तैनात हैं। उन्होंने बयान दिया कि शनिवार करीब 3:30 बजे एक दिव्यांग युवक बैसाखी के सहारे एसीपी ऑफिस में जाने लगा। युवक ने अपना नाम अतुल कुमार उर्फ मोनू बताया। उसके पिता दिल्ली पुलिस से एसआइ पद से सेवानिवृत्त हुए थे, बीमारी से उनकी मौत हो गई थी। जबकि वर्ष 2021 में एक सड़क हादसे में उसका पैर कट गया था। चलने फिरने में दिक्कत न हो, इसलिए उसे नकली पैर लगवाना है। उसने हेड कांस्टेबल से पैसे मांगे। साथ कहा कि वह शाहदरा के डीसीपी से मिला था, उन्होंने ही कहा कि था एसीपी सीमापुरी के पास चले जाना वह 21 हजार रुपये की मदद कर देंगे।
पुलिसकर्मी ने उस दिव्यांग को एसीपी के सामने पेश किया, युवक ने सारी बात एसीपी के सामने दोहरा दी, जिन्होंने मदद का भरोसा देते हुए इंतजार करने की बात कही। युवक इंतजार करने लगा। थोड़ी देर बाद कहने लगा कि जल्दी पैसा दो, क्योंकि उसे और भी जगह रुपये मांगने जाना है। रीडर ने अपनी तरफ से 2000 रुपये दे दिए।
एसीपी को शक हुआ तो उन्होंने डीसीपी से फोन पर बात कर दिव्यांग की मदद करने के बारे में पूछा, डीपीसी ने उन्हें मना कर दिया। जिसके बाद पुलिस ने आरोपित को दबोच लिया। पूछताछ करने पर पता चला कि आरोपित का पिता रणवीर सिंह जीवित है और वह पुलिस में भी नहीं था। पुलिस आरोपित से पूछताछ कर पता करने का प्रयास कर रही है कि वह कितने पुलिसकर्मियों से इस तरह रकम ऐंठ चुका है।
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