दिल्ली। एक गरीब शख्स ने पांच लाख रुपये में अपनी चाय की दुकान बेची थी। लोन चुकाने के लिए इस रकम को बैंक खाते में डाल दिया। जिस बैंक से लोन लिया था, उसके फेवर में एक चेक इश्यू कर दिया। बैंक ने जब बताया कि चेक बाउंस हो गया तो वो हैरान रह गए। पासबुक में एंट्री कराने गए तो पता चला कि खाते से पांच लाख रुपये निकल चुके हैं। शाहदरा जिला साइबर थाना पुलिस ने ठगी की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस कॉल डिटेल रिकॉर्ड और पैसा निकलने के गेटवे के जरिए आरोपी तक पहुंचने में जुटी है।
मोहम्मद रिजवान आलम (50) परिवार के साथ जगतपुरी इलाके में किराए पर रहते हैं। वो बीड़ी-सिगरेट और तंबाकू बेचने का काम करते हैं। उनका एक बैंक खाता यमुना विहार स्थित उजीवन स्माल फाइनैंस बैंक की ब्रांच में है। इस खाते में 2021 से उन्होंने कोई ट्रांजैक्शन नहीं की थी। उनकी गाजियाबाद जिले के लोनी स्थित अंकुर विहार में एक चाय की दुकान थी, जिसे उन्होंने पिछले दिनों बेच दिया। इससे मिले पांच लाख रुपये 3 मार्च को अपने बैंक खाते में डाल दिए।
दुकान पर उनका बैंक लोन चल रहा है। इसलिए उन्होंने पांच लाख रुपये का चेक लोन देने वाले बैंक के फेवर में काट दिया। इसे 4 मार्च को क्लियरिंग के लिए लगाना था। लेकिन लोन देने वाले बैंक ने उन्हें 7 मार्च को बताया कि चेक बाउंस हो गया है। इसकी वजह खाते में रकम का नहीं होना बताया गया। रिजवान तुरंत बैंक गए और पासबुक में एंट्री करवाई। इससे पता चला कि उनकी रकम निकाल ली गई है। उन्होंने तत्काल इसकी शिकायत पुलिस में की, जिसने केस दर्ज कर लिया।
फोन नंबर अपडेट नहीं करना पड़ा भारी
पुलिस तफ्तीश में पता चला है कि रिजवान का एक पुराना फोन नंबर था। ये उनके बैंक खाते से अटैच था। करीब एक साल पहले फोन गुम हुआ तो उन्होंने नया नंबर इश्यू करवा लिया। लेकिन यह नया नंबर बैंक में अपडेट नहीं करवाया। आशंका है कि पांच लाख रुपये बैंक में जमा कराने के बाद ये मेसज उसी नंबर पर चला गया, जिसे अब कोई और शख्स इस्तेमाल कर रहा है। पुलिस को शक है कि उसी शख्स ने ये रकम ट्रांसफर कर ली। पुलिस आरोपी शख्स की लोकेशन ट्रेस करने में जुटी है।
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