बीजिंग। शी जिनपिंग तीसरी बार चीन के राष्ट्रपति बन गए हैं। नेशनल पीपल्स कांग्रेस की 14वीं बैठक में शी के तीसरी बार राष्ट्रपति बनने पर मुहर लग गई थी। 10 मार्च 2023 को उनका तीसरा कार्यकाल दिया गया। हालांकि, ये एक औपचारिक घोषणा मात्र थी क्योंकि शी के खिलाफ कोई उम्मीदवार ही नहीं था। उन्होंने देश में माओत्से तुंग के बाद देश के सबसे शक्तिशाली नेता के रूप में अपनी पकड़ मजबूत कर ली है।
चीन की संसद नेशनल पीपल्स कांग्रेस ने रविवार (5 मार्च) को अपनी सालाना बैठक की शुरुआत कर दी थी। यह बैठक हफ्तेभर से जारी है। इसमें 69 वर्षीय जिनपिंग को कुछ चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा। उनकी जीरो-कोविड नीति को लेकर भी कई सवाल उठे. हालांकि, उन्होंने इन सबसे पार पा लिया है। सांसदों ने इन सब आरोपों के बजाय बीजिंग के विज्ञान मंत्रालय और तकनीकी क्षमताओं के व्यापक सुधार पर ध्यान केंद्रित किया है।
इस बैठक में शी जिनपिंग का कार्यकाल तीसरी बार बढ़ाया गया है जिससे चीन में उनकी ताकत को और मजबूती मिलेगी। उनकाे राज्याभिषेक ने उन्हें आधुनिक चीन का सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाला राज्य प्रमुख बनने बना दिया है। इसका मतलब यह होगा कि शी अपने 70 के दशक में अच्छी तरह से शासन करेंगे और अगर कोई चुनौती सामने नहीं आती है तो उनका कार्यकाल और भी लंबे समय तक रहेगा।
सैन्य आयोग के अध्यक्ष भी बने
शी के पक्ष में हुआ मतदान करीब एक घंटे तक चला और इलेक्ट्रॉनिक काउंटिंग करीब 15 मिनट में पूरी हो गई। शी को देश के केंद्रीय सैन्य आयोग के अध्यक्ष के रूप में तीसरे कार्यकाल के लिए भी सर्वसम्मति से वोट मिले। संसद ने झाओ लेजी को नए संसद अध्यक्ष और हान झेंग को नए उपाध्यक्ष के रूप में भी चुना। दोनों व्यक्ति पोलित ब्यूरो स्थायी समिति में शी की पार्टी के नेताओं की टीम से ही हैं।
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