दिल्ली। दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थन में शुक्रवार को स्कूलों में ‘आई लव मनीष सिसोदिया’ (I love Manish Sisodia) अभियान चलाया गया। दावा किया गया कि छोटी-बड़ी कक्षा के 20 हजार से अधिक छात्रों ने उनके समर्थन में चिट्ठियां लिखीं, लेकिन आम आदमी पार्टी (आप) नेताओं की ओर से इन चिट्ठियों को सोशल मीडिया पर डाले जाने के साथ ही विवाद खड़ा हो गया।
भाजपा ने दावा किया है कि दिल्ली सरकार आम आदमी पार्टी के गिरफ्तार नेता के समर्थन में सरकारी स्कूलों में ‘आई लव मनीष सिसोदिया’ डेस्क स्थापित करने जा रही है। हालांकि, ‘आप’ ने इस आरोप का खंडन किया है। भाजपा ने इसे बच्चों का इस्तेमाल करना बताया तो वहीं राष्ट्रीय बाल अधिकार सरंक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर दिया। ‘आप’ के कई विधायकों ने इन चिट्ठियों को सोशल मीडिया पर शेयर करके मनीष सिसोदिया के कामों की सराहना की।
‘आप’ विधायक आतिशी ने भी चिट्ठियों को ट्वीट किया। ‘आप’ विधायक सोमनाथ भारती ने ट्वीट करते हुए लिखा कि मनीष सिसोदिया आज एक विचार का रूप ले चुके हैं और उनके विचार बच्चों के माध्यम से घर घर पहुंच चुके हैं।
उधर, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने ट्वीट कर कहा कि जेल में बंद शराब घोटाले के आरोपी के बचाव हेतु स्कूलों के बाहर स्टॉल लगाकर बच्चों का उपयोग करने की शिकायत मिली है। इस मामले में दिल्ली पुलिस और मुख्य सचिव दिल्ली सरकार को नोटिस दिया जा रहा है। वहीं, दिल्ली भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने इस अभियान की निंदा की।
बता दें कि, मनीष सिसोदिया ने 2021-22 आबकारी नीति में कथित भ्रष्टाचार के संबंध में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद हाल में मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। सिसोदिया के पास शिक्षा सहित दिल्ली सरकार के 18 विभागों का प्रभार था।
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