बिजली पर झटका देने की तैयारी में केजरीवाल सरकार, बंद हो सकती है सब्सिडी

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दिल्ली। दिल्ली में शराब घोटाले की हलचल के बीच केजरीवाल सरकार मुफ्त बिजली के नियम में बदलाव करके दिल्लीवालों को झटका देने की तैयारी में है। तीन किलोवाट से अधिक लोड वाले बिजली कनेक्शन पर सब्सिडी का विकल्प खत्म हो सकता है। दिल्ली सरकार का ऊर्जा विभाग इसको लेकर प्रस्ताव तैयार कर रहा है। जल्द ही इस प्रस्ताव को दिल्ली सरकार की कैबिनेट के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।

दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) ने सुझाव दिया है कि खपत के आधार पर बिजली सब्सिडी देने पर विचार हो। मसलन, जिसकी खपत ज्यादा है उसे सब्सिडी से बाहर रखा जाएगा। आयोग ने ऊर्जा विभाग को तीन किलोवाट से अधिक लोड वाले कनेक्शन को इस दायरे से बाहर रखने को कहा है।

अभी क्या है नियम?
वर्तमान में जिन घरेलू उपभोक्ताओं ने सब्सिडी का विकल्प चुना है, अगर उनकी मासिक बिजली खपत 200 यूनिट तक है तो उन्हें कोई बिल नहीं देना पड़ता है।अगर वे 201 से 400 यूनिट तक बिजली का उपयोग करते हैं तो उन्हें 50% की छूट मिलती है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लगभग 91% घरेलू उपभोक्ताओं ने तीन किलोवॉट तक लोड लिया हुआ है,अगर उन्होंने मुफ्त बिजली योजना का विकल्प चुना है तो उन्हें इसका लाभ मिलता रहेगा।

बिजली विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि 2023-24 में बिजली सब्सिडी पर हमारा खर्च और कम हो जाएगा। हमने अगले वित्त वर्ष के लिए सब्सिडी फैक्टर के लिए कम आवंटन का अनुरोध करते हुए इन बातों को ध्यान में रखा है।’ जबकि पहले 400 यूनिट तक का उपयोग करने वाले सभी घरेलू उपभोक्ताओं को सब्सिडी मिलती थी, दिल्ली सरकार ने स्वैच्छिक सब्सिडी योजना के तहत पिछले साल सितंबर में दिल्लीवालों के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन सहमति देना अनिवार्य कर दिया था। इसके तहत दिल्लीवालों को बताना था कि वे बिजली सब्सिडी योजना का लाभ लेना चाहते हैं या नहीं।

48 लाख उपभोक्ताओं ने चुना सब्सिडी योजना का विकल्प
पिछले साल 58 लाख से अधिक घरेलू उपभोक्ताओं में से 48 लाख ने 15 फरवरी तक स्वैच्छिक सब्सिडी योजना का विकल्प चुना था। बिजली विभाग के सूत्रों ने कहा कि 55 लाख उपभोक्ताओं को 2021-22 में गैर-पीक महीनों के दौरान सब्सिडी का लाभ मिला, जब बिजली की खपत कम थी।

वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘कई लोगों ने पिछले साल सरकार से संपर्क किया था कि वे अपने बिजली बिलों का भुगतान करने में सक्षम हैं और सब्सिडी प्राप्त नहीं करना चाहते हैं। यही कारण है कि हम स्वैच्छिक सब्सिडी योजना लेकर आए हैं।’ अधिकारी ने कहा, ‘दिल्ली में कुल घरों में से 10 फीसदी से भी कम घरों में चार किलोवाट या उससे अधिक के स्वीकृत भार वाले बिजली मीटर हैं। उनमें से ज्यादातर पहले ही योजना से बाहर हो सकते हैं।’ एक अधिकारी ने कहा, ‘अगर अधिक लोग स्वैच्छिक सब्सिडी योजना के तहत पंजीकरण कराते हैं तो सब्सिडी का लाभ उठाने वाले उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ सकती है।’

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