गाजियाबाद में ठेकेदार की मौत, पुलिसकर्मियों पर पिटाई का आरोप

गाजियाबाद। वेव सिटी थानाक्षेत्र में पुताई ठेकेदार की बुधवार को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। स्वजन ने पड़ोस में रहने वाले दो पुलिसकर्मियों पर मारपीट का आरोप लगाया है। स्वजन का आरोप है कि पुताई के पैसे मांगने पर दोनों पुलिसकर्मियों ने पांच जनवरी को मारपीट की थी।

मूलरूप से बिहार के सीतामढ़ी के रीवा थाने के गांव गुलाकीपुर खैरवा के रहने वाले प्रेम शंकर मेहतो(55) लालकुआं चौकी क्षेत्र की मानसरोवर पार्क कॉलोनी में अपनी दूसरी पत्नी संगीता देवी व दो बच्चों आयुष और कार्तिक के साथ रहते थे। जबकि उनकी पहली पत्नी उर्मिला देवी का वर्ष 2016 में निधन हो गया था। उनसे सात बच्चे हैं। इनमें पिंकी, कृष्णा, बलराम, रितु, बलराज, रीता व ज्योति नंदग्राम में रहते हैं। प्रेम शंकर रंगाई-पुताई की ठेकेदारी करते थे।

कृष्णा ने बताया कि उनके पिता ने एक साल पहले मानसरोवर पार्क में पड़ोस में रहने वाले पुलिसकर्मी प्रेमपाल और नितिन के घर पुताई का काम किया था। जिसके प्रेमपाल पर 20 हजार और नितिन पर 15 हजार रुपये बकाया थे। दोनों ने कुछ समय बाद रुपये देने को कहा। तगादा करने के बावजूद वे उनके रुपये नहीं दे रहे थे। उनके पिता पांच जनवरी को प्रेमपाल व नितिन से पैसों का तकादा करने के लिए उनके घर गए थे। प्रेमपाल और नितिन ने उनकी बेरहमी से पिटाई कर दी। रात होने के कारण वे घर लौट आए और छह जनवरी को चौकी शिकायत लेकर पहुंचे। आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने उनकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं की। इसके बाद वह वेव सिटी थाना पहुंचे और वहां भी शिकायत की लेकिन सुनवाई नहीं हुई। प्रेमपाल व नितिन को शिकायत करने के बारे में पता चला तो उन्होंने घर जाकर प्रेमशंकर के साथ दोबारा मारपीट की।

कृष्णा का कहना है कि मारपीट से उनके पिता के सिर में गंभीर चोट आई। इसके चलते उनकी 18 फरवरी को हालत बिगड़ गई थी। इस पर उसी दिन उन्होंने पिता को जिला एमएमजी अस्पताल में भर्ती कराया। यहां हालत गंभीर होने के कारण उन्हें संतोष मेडिकल में रेफर किया गया। आर्थिक स्थिति सही न होने के कारण वह पिता को डिस्चार्ज कराकर दिल्ली जीटीबी अस्पताल ले गए। बाद में उन्हें सफदरजंग अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। सफदरजंग में उपचार के बाद चिकित्सकों ने उन्हें जनकपुरी के एक अस्पताल में रेफर कर दिया। यहां उपचार होने के बाद पांच दिन पूर्व वहां से उन्हें छुट्टी दे दी गई। कृष्णा का कहना है कि छुट्टी के समय चिकित्सकों ने उन्हें बताया कि प्रेमशंकर के दिमाग की नस फट चुकी है। ऐसे में उनकी जान का बचना मुश्किल है। उनका आपरेशन करना पड़ेगा।

स्वजन ने अस्पताल में किया हंगामा
बुधवार शाम करीब साढ़े पांच बजे प्रेम शंकर की मानसरोवर पार्क स्थित घर पर मौत हा गई। स्वजन ने घटना की सूचना पुलिस को दी तो वेव सिटी पुलिस उन्हें अस्पताल लेकर पहुंची। यहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके बाद स्वजन ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई को लेकर जिला एमएमजी अस्पताल में जमकर हंगामा किया। हंगामे की सूचना पर डीसीपी निपुण अग्रवाल, एससीपी कोतवाली अंशु जैन, एसीपी वेव सिटी रवि प्रकाश सिंह समेत कई थानों की पुलिस पहुंची और स्वजन को निष्पक्ष कार्रवाई का भरोसा देकर उन्हें शांत कराया।

एसीपी (वेव सिटी) रवि प्रकाश सिंह ने बताया कि प्रेम शंकर ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ छह जनवरी को मारपीट की शिकायत दी थी। उनका मेडिकल कराया गया था, इसमें किसी प्रकार की कोई चोट नहीं आई थी। मेडिकल चेक कर लिया गया है। 18 फरवरी काे उन्हें लकवे का अटैक आया था, इसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ी। मामले में निष्पक्ष जांच कराई जाएगी। पुलिसकर्मियों के दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। साक्ष्यों और पीएम रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम कार्रवाई जाएगी। आरोपित पुलिसकर्मी प्रेमपाल हापुड़ व नितिन इंदिरापुरम स्थित डायल-112 पर तैनात है।

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