मणिशंकर अय्यर की बेटी के NGO पर गृह मंत्रालय का एक्शन, विदेश से चंदा लेने पर लगी रोक

नई दिल्ली। गृह मंत्रालय ने कानूनों के उल्लंघन के चलते थिंक टैंक ‘सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च’ (सीपीआर) का FCRA लाइसेंस 6 महीनों के लिए सस्पेंड कर दिया है। कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर की बेटी यामिनी अय्यर अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त इस थिंक टैंक की अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

‘इंडिया टुडे’ के अनुसार, गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि थिंक-टैंक को एफसीआरए नियमों का उल्लंघन करते हुए पाए जाने के कारण लाइसेंस निलंबित कर दिया गया था। बता दें कि पिछले साल सितंबर में आयकर विभाग ने कथित वित्तीय अनियमितताओं को लेकर सीपीआर कार्यालय परिसर में सर्वेक्षण किया था। दिल्ली में ऑक्सफैम इंडिया के कार्यालय में भी छापे मारे गए थे। इसके बाद गृह मंत्रालय ने एनजीओ पर ऐक्शन लिया है। सीपीआर को कथित तौर पर फोर्ड फाउंडेशन सहित कई विदेशी संगठनों से पैसा मिला था। थिंक टैंक पर यह भी आरोप लगाए गए थे कि उसने तीस्ता सीतलवाड़ के एनजीओ को चंदा दिया था।

सीपीआर ने भी जारी किया बयान
वहीं सीपीआर ने अपने बयान में कहा कि गृह मंत्रालय ने उसे सूचित किया है कि एफसीआरए के तहत उसका पंजीकरण 180 दिन के लिए निलंबित किया गया है। सीपीआर ने कहा कि सितंबर 2022 में, आयकर विभाग ने सीपीआर के बही-खातों का अवलोकन किया, और इस प्रक्रिया के बाद सीपीआर को आयकर विभाग से कई नोटिस प्राप्त हुए।

एनजीओ ने कहा कि उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए विस्तृत और संपूर्ण जवाब विभाग को सौंपे गए हैं। बयान में कहा गया, ‘सीपीआर अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग करता रहा है और करता रहेगा। हम कानून का पूरा पालन करते हैं और भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक सहित सरकारी प्राधिकारों द्वारा नियमित रूप से जांच और लेखा परीक्षण किया जाता है।’

सीपीआर ने कहा कि उसका वार्षिक वैधानिक ऑडिट होता है, और उसकी सभी वार्षिक ऑडिट की गई बैलेंस शीट सार्वजनिक हैं और ‘ऐसी कोई भी गतिविधि करने का कोई सवाल ही नहीं है जो कानून द्वारा अनिवार्य अनुपालन से परे हो।’ एनजीओ ने कहा, ‘गृह मंत्रालय मौजूदा आदेश के आलोक में, हम अपने लिए उपलब्ध सभी उपायों का पता लगाएंगे।’

एनजीओ ने कहा कि उसका काम और संस्थागत उद्देश्य इसके संवैधानिक लक्ष्यों को आगे बढ़ाना और संवैधानिक गारंटी की रक्षा करना है। सीपीआर ने कहा, ‘हमें पूरा विश्वास है कि इस मामले को तेजी से, निष्पक्षता और हमारे संवैधानिक मूल्यों की भावना से हल किया जाएगा।’

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