इंटरनेट ठप होने के मामले में टॉप पर भारत, एक साल में 84 बार हुआ बंद

नई दिल्ली। भारत इस बार भी इंटरनेट सर्विस ठप होने की कड़ी में ग्लोबल रैंकिंग में पहले स्थान पर रहा है। बीते साल 2022 में कुल 84 बार इंटरनेट शटडाउन हुआ। यही नहीं, इसके साथ ही यह लगातार पांचवी बार था जब दुनिया भर में भारत का नाम इंटरनेट शटडाउन होने की कड़ी में सबसे पहले नंबर पर रहा।

इंटरनेट एडवोकेसी के क्षेत्र में काम करने वाली एजेंसी एक्सेस नाउ और कीप इटऑन (Access Now and KeepItOn ) की संयुक्त रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 में भारत में सबसे ज्यादा बार इंटरनेट पर पाबंदी लगाई गई है। साल 2016 के बाद से दुनिया भर में किए गए इंटरनेट शटडाउन के कुल मामले का करीब 58 फीसदी अकेले भारत में हुआ था। दुनिया भर में बीते साल 2022 में इंटरनेट शटडाउन होने के कुल 187 मामले सामने आए। इनमें 84 मामले भारत में सामने आए। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 में भारत में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में सबसे ज्यादा 49 बार इंटरनेट बंद किया गया था। जम्मू-कश्मीर में वर्ष 2022 में जनवरी और फरवरी के बीच या दो महीने में ही एक के बाद एक 16 बार इंटरनेट बंद किया गया था। वहीं राजस्थान में अलग-अलग मौकों पर 12 बार इंटरनेट बंद किया गया। पश्चिम बंगाल में 7 बार इंटरनेट शटडाउन का आदेश दिया गया था।

भारत में किसान आंदोलन के बीच सबसे लंबा इंटरनेट शटडाउन
साल 2021 में किसान आंदोलन के दौरान राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में लंबे समय तक इंटरनेट शटडाउन किया गया था। उस साल दुनिया भर में कुल 30 हजार घंटे के लिए इंटरनेट बंद किया गया था। इससे 5.45 बिलियन डॉलर यानी करीब 40,300 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। इसके साथ ही दुनिया भर में इंटरनेट शटडाउन होने से 5.9 करोड़ लोगों पर बुरा असर हुआ था। नुकसान झेलने के मामले में भारत दुनिया भर में तीसरे स्थान पर था। साल 2021 में भारत में 1,157 घंटे इंटरनेट बंद रहा था।

भारत में 2016 के बाद से इंटरनेट पर पाबंदी में तेजी
रिपोर्ट के मुताबिक भारत में साल 2016 के बाद से लगातार इंटरनेट शटडाउन किया जा रहा है। मौजूदा समय में दूरसंचार सेवाओं के अस्थायी निलंबन (सार्वजनिक आपातकाल या सार्वजनिक सुरक्षा) नियम, 2017 के तहत इंटरनेट शटडाउन के आदेश दिए जाते हैं। DoT की ओर से बनाए गए नियम कहते हैं कि इंटरनेट का अस्थायी निलंबन “सार्वजनिक आपातकाल या सार्वजनिक सुरक्षा के कारण” हो सकता है। देश में इंटरनेट शटडाउन का अधिकार केंद्रीय और राज्य स्तर पर गृह मंत्रालय के पास है।

Exit mobile version