रामचरितमानस में है कूड़ा-कचरा, सफाई जरूरी: चंद्रशेखर के फिर से बिगड़े बोल

पटना। रामचरितमानस पर बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि रामायण में थोड़ा कूड़ा-कचरा है, उसे साफ करने की जरूरत है। इससे पहले भी वह रामचरितमानस को नफरत फैलाने और समाज को बांटने वाला ग्रंथ बता चुके हैं।

बजट सत्र के दौरान मीडिया से बातचीत में मंत्री चंद्रशेखर ने मंगलवार को एक बार फिर हिंदू धर्म ग्रंथ रामचरितमानस पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि वे अपने पहले वाले बयान पर कायम हैं। रामचरितमानस में कई दोहे हैं जिनपर वे आगे भी इस पर सवाल खड़े करते रहेंगे। शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने मंगलवार को कहा कि शूद्र अब पढ़-लिख गया है। पहले वह अनपढ़ था। उसके बारे में कही गई अपमानजनक बातों को भी वह सम्मान समझता था। मगर अब वह पढ़ लिख गया है तो शास्त्र का अर्थ समझ सकता है। अब वह अपमानजनक बातों को अमृत कैसे मान ले? चंद्रशेखर ने कहा कि राम मनोहर लोहिया ने भी रामायण के कचरे को हटाने के लिए कहा था। मैं लोहिया या बाबा साहेब अंबेडकर से बड़ा नहीं हूं।

शिक्षा मंत्री बताएं अपना धर्म- जदयू विधायक
जदयू विधायक संजीव कुमार ने कहा कि चंद्रशेखर धर्म के बारे में अनाप शनाप बोलना बंद करें। शिक्षा मंत्री बताएं उनका धर्म क्या है? इतनी परेशानी है, तो चंद्रशेखर धर्म परिवर्तन कर लें। इतना ही नहीं संजीव कुमार ने कहा कि अगर चंद्रशेखर में हिम्मत है तो दूसरे धर्म पर बोलकर दिखाएं।

पहले भी रामचरितमानस पर दे चुके बयान
बिहार में शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने पिछले दिनों रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया था। शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने पटना में नालंदा ओपन विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला और समाज को बांटने वाला ग्रंथ बताया था। शिक्षा मंत्री के इस बयान को लेकर काफी विवाद भी हुआ था। बीजेपी ने इस मुद्दे पर नीतीश सरकार को घेरा था।

विवाद बढ़ने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया था कि शिक्षा मंत्री को बयान वापस लेने के लिए कहा जा चुका है। इतना ही नहीं नीतीश कुमार ने कहा कि हम लोगों ने पहले ही शिक्षा मंत्री को समझा दिया है। उन्होंने चंद्रशेखर के बयान पर नाराजगी भी जाहिर की थी. नीतीश ने कहा था, ‘हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई… सभी धर्मों के लोगों को अपने हिसाब से पूजा-पाठ का अधिकार है। उनके इस काम में किसी तरह की दखल ठीक नहीं।

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