बाएं पैर में था दर्द, डॉक्टर ने दाहिने का कर दिया ऑपरेशन

प्रतीकात्मक चित्र

तिरुवनन्तपुरम। केरल में डॉक्टर की लापरवाही का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। डॉक्टर ने मरीज की गलत सर्जरी कर दी। जिस पैर का ऑपरेशन करना था उसका न करके डॉक्टर ने मरीज के गलत पैर का ऑपरेशन कर दिया। मरीज पैर में गंभीर समस्या से पीड़ित है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक 60 वर्षीय सजीना सुकुमारन मवूर रोड स्थित नेशनल हॉस्पिटल में अपने बाएं पैर की एड़ी में लगी चोट का इलाज कराने गई थीं। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके सर्जन डॉ. बेहिरशन ने उनके दाहिने पैर की सर्जरी कर दी। सजीना ने बताया कि एक साल पहले उनका बायां पैर दरवाजे में फंस जाने से जख्मी हो गया था। दर्द कम न होने पर वह अस्पताल पहुंची। पीड़ित महिला ने सर्जन से पहले उसके निजी क्लिनिक में परामर्श किया। बाद में डॉक्टर ने 20 फरवरी को महिला को उस अस्पताल में भर्ती कराया जिसमें वह खुद डॉक्टर था। मंगलवार को सर्जरी की गई।

रिपोर्ट के मुताबिक, महिला ने बताया, “जब मुझे होश आया, तो मुझे अपने दाहिने पैर में भारीपन महसूस हुआ। मैं अपने बाएं पैर का इलाज कराने आई थी और इसे ही सर्जरी के लिए तैयार किया गया था। मैं यह देखकर चौंक गई कि उन्होंने मेरे दाहिने पैर की सर्जरी कर दी। फिर मैंने नर्स को फोन किया और उसे सर्जन को बुलाने के लिए कहा और तब उसे इसका एहसास हुआ।” सजीना ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि डॉक्टर ने उनके दाहिने पैर में कौन सी सर्जरी की है। क्योंकि उन्हें इस पैस में कोई समस्या नहीं थी। उनकी बेटी ने कहा कि डॉक्टर की पहली प्रतिक्रिया थी कि मेरी मां के दाहिने पैर में भी ब्लॉक है। बेटी ने कहा, “लेकिन उन्होंने इस पैर का इलाज करने के लिए तो कोई एक्स-रे या स्कैन नहीं लिया था।”

महिला के परिजनों ने कहा कि उन्होंने डीएमओ और स्वास्थ्य मंत्री से शिकायत की है। इस बीच, अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि महिला के दोनों पैरों में समस्या है और उन्होंने सर्जरी से पहले सजीना और उसके पति को इसके बारे में बताया था। अस्पताल के एमडी डॉ केएम आशिक ने कहा कि सजीना के पैरों में एड़ी में दर्द था और वह कुछ समय से डॉ. बेहिरशान से इलाज कर रही थीं। अस्पताल ने कहा कि हमने उनके दाहिने पैर की जांच के बाद एक चोट पाई और इसकी जानकारी मरीज और उनके पति को दी गई। डॉक्टर आशिक ने एक विज्ञप्ति में कहा कि मरीज और उसके पति ने डॉक्टर को उसके पैरों का इलाज करने का जिम्मा सौंपा था।

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